धर्मक्षेत्र
आज 27 नवंबर को है शुक्ल पक्ष सप्तमी : व्रत, जप व पूजा से होती है जीवन में सुख, सौभाग्य व मानसिक शांति प्राप्त
सीएन, हरिद्वार। 27 नवंबर 2025 का दिन भक्ति और साधना के लिए शुभ माना गया है। इस दिन किए गए व्रत, जप और पूजा से जीवन में सुख, सौभाग्य और मानसिक शांति प्राप्त होती है। मान्यता है कि आज के दिन की आराधना से ईश्वर की कृपा बनी रहती है और सभी कार्य सफल होते है। 27 नवंबर 2025, गुरुवार के दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। यह दिन कार्तिक मास के पुण्य दिनों में से एक है। इस दिन स्नान, दान, दीपदान और भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है। गुरुवार का दिन होने के कारण बृहस्पति देव की उपासना का भी विशेष महत्व रहता है। तिथि: शुक्ल पक्ष सप्तमी – रात्रि 12:31 बजे तक, नक्षत्र: धनिष्ठा – रात्रि 2:33 बजे तक, योग: ध्रुव – दोपहर 12:10 बजे तक, करण: गर – दोपहर 12:17 बजे तक, वार: गुरुवार (बृहस्पति देव का दिन), मास: मृगशिरा (हेमंत ऋतु), विक्रम संवत: 2082 कालियुक। कार्तिक मास का हर दिन पुण्यदायी होता है, और सप्तमी तिथि विशेष रूप से स्नान, दान और दीपदान के लिए शुभ मानी गई है। इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर तिल, दीपक, फल और वस्त्र का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। गुरुवार का दिन बृहस्पति देव और भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है और पीले वस्त्र, चना दाल, हल्दी या केले का दान करता है, उसे सौभाग्य, ज्ञान और धन की प्राप्ति होती है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं। पीले फूल, तुलसीदल और चने की दाल अर्पित करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ बृहस्पतये नमः” मंत्र का जप करें। पीले फल या वस्त्र दान करें और व्रत का पालन करें। 27 नवंबर 2025 का दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी के रूप में शुभ और पुण्यदायी है। इस दिन स्नान, दान और दीपदान करने से पापों का नाश होता है और धर्म, सौभाग्य व समृद्धि की वृद्धि होती है। गुरुवार का संयोग इसे और अधिक मंगलकारी बनाता है। जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा से पूजा करता है, उसके जीवन में ज्ञान, सुख और शांति बनी रहती है।


























































