नैनीताल
अब हर हफ्ते करें जीवनदायिनी नैनी झील की सफाई, मछलियों को बाहरी खाना देने वालों पर लगाएं ₹ पांच हजार का जुर्माना : हाई कोर्ट
सीएन, नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा द्वारा नैनीताल में दो दिन से हो रही वर्षा से झील में फैली गंदगी पर स्वतः संज्ञान लेने पर आज नैनीताल नगर पालिका के इओ सहित अन्य अधिकारी कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने झील की सफाई करने पर संतोष व्यक्त किया। न्यायमूर्ति ने कहा कि आगे भी हर सप्ताह झील की सफाई करने की व्यवस्था की जाय। हर रविवार को 11 बजे से 1 बजे तक सभी नाव चालकों के साथ झील की सफाई की जाय और इसका निरीक्षण भी किया जाय। झील की सफाई के लिए और सतर्कता बरती जाय। झील में में जो भी व्यक्ति खाद्य सामग्री लेकर जाता है या मछलियों को खिलाता है उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाय। आज कोर्ट के आदेश पर ईओ सहित अन्य अधिकारी कोर्ट में झील की सफाई व्यवस्था को लेकर अपना प्लान पेश किया। जिसमे कहा गया कि उन्होंने कोर्ट के आदेश पर शीघ्र ही झील की सफाई कर ली है और हर सप्ताह इसी तरह सफाई की जाएगी। अगर कोई व्यक्ति झील में खाद्य सामाग्री ले जाता है या मछलियों को खिलाता है उस पर 5000 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। मामले के अनुसार दो दिनों से हो रही बरसात के बाद नैनीझील में चारों तरफ खाली बोतलों, कूड़े और थैलियों का अम्बार लग गया था। यह कूड़ा सीधे या नैनीताल के कैचमेंट के 62 नालों के माध्यम से नैनीझील तक पहुँच गया। जिसकी वजह से झील पूरी तरह दूषित हो गयी थी। प्रशासन द्वारा इसकी देखरेख तक नही की जा रही थी। झील में कूड़े का अंबार देखकर न्यायमूर्ति ने सरोवर नगरी की स्वच्छता के लिए की जा रही व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए स्वतः संज्ञान लिया था। कोर्ट ने नैनीताल के एसडीएम राहुल साह, नगर पालिका के ईओ आलोक उनियाल और कोतवाल धर्मवीर सोलंकी को कोर्ट में तलब किया था। न्यायमूर्ति शर्मा ने सभी से गंदगी के निस्तारण के लिए किए जा रहे कार्यों और उपायों के साथ बुधवार को फिर से पूरे प्लान के साथ पेश होने को कहा था। जिसपर वह प्लान के साथ पेश हुए।