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क्या फिर आयेगा लॉकडाउन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग वाले 2020-21 का दौर

सीएन, नई दिल्ली। चीन, अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, और ब्राजील में कोरोना के बढ़ते मामलों ने दुनिया को एक बार फिर से चिंता में डासल दिया है। चीन में कोरोना से सबसे ज्यादा बुरे हाल हैं। चीन में अस्पतालों में दवाइयों की किल्लत हो गई है साथ ही अस्पतालों में बेड भी कम पड़ गए हैं। मरीज जमीन पर लेटे हुए नजर आ रहे हैं। चीन की मौजूदा समय की जो तस्वीरें सामने आई हैं उसे देखकर 2020-21 का वो दौर याद आ गया है जब भारत में भी लोगों इस महामारी का सबसे बुरा दौर देखा था। भारत में कोरोना की स्थिति की समीक्षा को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने बैठक की। टीवी न्यूज चैनलों पर भी एखदम से कोरोना की खबरें जोर पकड़ने लगी हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र और यूपी सरकार भी अपने-अपने राज्यों में कोरोना मामलों को लेकर बैठकें कर रही हैं। ऐसे में देश में लोग एक बार फिर से आशंकित होने लगे हैं। लोगों को डर है कि कहीं एक बार फिर हालात ऐसे ना हो जाएं कि घर से निकलना दूभर हो जाए,  लॉकडाउन का सामना करना पड़े, सड़कें फिर सूनी हो जाएं, बिना टेस्टिंग या बिना कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट के कहीं आने-जाने में परेशानी हो। दरअसल लोगों की आशंका बेवजह नहीं है, यह ऐसा दौर है जिससे हर कोई गुजरा है। स्कूल-कॉलेज बंद हो गए थे, घर ही दफ्तर बन गए थे। सड़कें खाली हो गई थीं और पुलिस की गाड़ियों का सायरस या फिर एंबुलेंस की आवाज ही कानों में पड़ती थी। कोविड 19 वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष एनके अरोड़ा कह चुके हैं कि भारत में बड़े पैमाने पर लोगों को कोविड के खिलाफ टीके की दो डोज लग चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत में चीन की तरह व्यापक रूप से कोविड संक्रमण फैलने के आसार काफी कम हैं। उन्होंने कहा कि हम चीन की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। भारत में लोगों को डरने की जरूरत नहीं है पर ऐतिहायत के तौर पर खुद ही पहल कर लोगों को अपना ध्यान रखा होगा। एनके अरोड़ा ने कहा कि भारत में फिलहाल करोनो के मामले काफी कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी कह चुके हैं कि हम किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। वहीं नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि देश के सिर्फ 27-28 फीसदी लोगों ने अभी कोरोना टीकों बूस्टर डोज लगवाई है। उन्होंने कहा कि सभी के लिए बूस्टर डोज जरूरी है। साथ ही उन्होंने भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने को कहा है।चीन में फिलहाल बढ़े मामलों के लिए ओमिक्रॉन बीएफ.7 सब-वैरिएंट जिम्मेदार है। वहां अगले तीन माह में तीन कोरोना लहरें आने का खतरा है। इससे 80 करोड़ लोग संक्रमित हो सकते हैं और 10 लाख से ज्यादा मौतों की आशंका जताई गई है। वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में सितंबर में बीएफ.7 सब-वैरिएंट के केस आए थे, हालांकि लोग घर में ही खुद ठीक हो गए और उनको अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को पैनिक या डरने की बजाए सतर्क रहने की जरूरत है।  डॉ. रणदीप गुलेरिया अब मेदांता हॉस्पिटल में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन एंड रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं का कहना है कि कोरोना से बचाव करने के लिए लोगों को खुद से पहल करनी होगी। मास्क पहनना लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझना होगा। इसके साथ ही अपने आसपास और अपनी सफाई का ध्यान रखना होगा।

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