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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू, अनुसूचित जाति वर्ग को छोड़कर सभी को करना होगा पालन

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू, अनुसूचित जाति वर्ग को छोड़कर सभी को करना होगा पालन
सीएन, देहरादून।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू हो गया है। दरअसल प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर सम्पूर्ण उत्तराखंड राज्य और साथ ही राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर यूसीसी लागू होगा। समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी को हमारे संविधान में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के अनुच्छेद 44 के तहत परिभाषित किया गया है। इसमें कहा गया है कि पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि इसका अर्थ है एक देश एक नियम। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू हो गया है। दरअसल, प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर सम्पूर्ण उत्तराखंड राज्य और साथ ही राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर यूसीसी लागू होगा। मिली जानकारी के अनुसार यूसीसी लागू करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम रजिस्ट्रार और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे। जबकि नगर पंचायत . नगर पालिकाओं में संबंधित एसडीएम रजिस्ट्रार और कार्यकारी अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे। इसी तरह नगर निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त रजिस्ट्रार और कर निरीक्षक सब रजिस्ट्रार होंगे। छावनी क्षेत्र में संबंधित रजिस्ट्रार और रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर या सीईओ द्वारा अधिकृत अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे। इन सबके ऊपर रजिस्ट्रार जनरल होंगे जो सचिव स्तर के अधिकारी एवं इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन होंगे। यदि रजिस्ट्रार तय समय में कार्रवाई नहीं कर पाते हैं तो मामला ऑटो फारवर्ड से रजिस्ट्रार जनरल के पास जाएगा। इसी तरह रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ रजिस्ट्रार जनरल के पास अपील की जा सकेगीए जो 60 दिन के भीतर अपील का निपटारा कर आदेश जारी करेंगे। सब रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ अपील पर 60 दिन में फैसला करना। लिव इन नियमों का उल्लंघन या विवाह कानूनों का उल्लंघन करने वालों की सूचना पुलिस को देंगे। सामान्य तौर पर 15 दिन और तत्काल में तीन दिन के भीतर सभी दस्तावेजों और सूचना की जांच, आवेदक से स्पष्टीकरण मांगते हुए निर्णय लेना, समय पर आवेदन न देने या नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने के साथ ही पुलिस को सूचना देना, साथ ही विवाह जानकारी सत्यापित नहीं होने पर इसकी सूचना माता. पिता या अभिभावकों को देना। 26 मार्च 2010, से संहिता लागू होने की तिथि बीच हुए विवाह का पंजीकरण अगले छह महीने में करवाना होगा। संहिता लागू होने के बाद होने वाले विवाह का पंजीकरण विवाह तिथि से 60 दिन के भीतर कराना होगा यदि सब रजिस्ट्रार. रजिस्ट्रार समय पर कार्रवाई नहीं करता है तो ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है। सब रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश के खिलाफ 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार के पास अपील की जा सकती है। रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश के खिलाफ 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार जनरल के पास अपील की जा सकती है। अपीलें ऑनलाइन पोर्टल या ऐप के माध्यम से दायर हो सकेंगी। लिव इन का नियम लागू होने की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा। समान नागरिक संहिता लागू होने से पहले से स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का यूसीसी लागू होने की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा। जबकि संहिता लागू होने के बाद स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण, लिवइन रिलेशनशिप में प्रवेश की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा। एक या दोनों साथी ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से लिव इन समाप्त कर सकते हैं। यदि एक ही साथी आवेदन करता है तो रजिस्ट्रार दूसरे की पुष्टि के आधार पर ही इसे स्वीकार करेगा। यदि लिव इन से महिला गर्भवती हो जाती है तो रजिस्ट्रार को अनिवार्य तौर पर सूचना देनी होगी। बच्चे के जन्म के 30 दिन के भीतर इसे अपडेट करना होगा। तलाक या विवाह शून्यता के लिए आवेदन करते समय, विवाह पंजीकरण तलाक या विवाह शून्यता की डिक्री का विवरण अदालत केस नंबर, अंतिम आदेश की तिथि, बच्चों का विवरण कोर्ट के अंतिम आदेश की कॉपी। वसीयत तीन तरह से हो सकेगी। पोर्टल पर फॉर्म भर के हस्तलिखित या टाइप वसीयत अपलोड करके या तीन मिनट की विडियो में वसीयत बनाकर अपलोड करने के जरिए। विधान सभा की स्थापना की गई थी, जिसमें दोनों प्रकार के सदस्य शामिल थे वे जो समान नागरिक संहिता को अपनाकर समाज में सुधार चाहते थे जैसे डॉ. बीआर अम्बेडकर और अन्य मुस्लिम प्रतिनिधि थे जिन्होंने व्यक्तिगत कानूनों को कायम रखा। साथ ही समान नागरिक संहिता के समर्थकों का संविधान सभा में अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा विरोध किया गया था। परिणामस्वरूप, डीपीएसपी, राज्य नीति के निदेशक सिद्धांत के अनुच्छेद 44 के तहत संविधान में केवल एक पंक्ति जोड़ी गई है।

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