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आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, यौन शोषण केस में 31 मार्च तक मिली अंतरिम जमानत

आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, यौन शोषण केस में 31 मार्च तक मिली अंतरिम जमानत
सीएन, जोधपुर।
सुप्रीम कोर्ट ने स्वयंभू संत आसाराम को मेडिकल आधार पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी। आसाराम बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। फैसले से आसाराम को बड़ी राहत मिली है।अप्रैल 2018 में जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक किशोरी के साथ बलात्कार का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 29 अगस्त 2024 को गुजरात उच्च न्यायालय ने निलंबन की मांग करने वाले बाबा की याचिका को खारिज कर दिया और कोई मामला नहीं पाया। आसाराम और चार अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने 6 नवंबर 2013 को पोस्को यानी यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम अधिनियम किशोर न्याय अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्वयंभू भगवान आसाराम बापू को चिकित्सा आधार पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी जिसमें जेल के बाहर अपने अनुयायियों से मिलने पर प्रतिबंध भी शामिल है। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को बलात्कार के एक मामले में गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में हैं। एक किशोरी लड़की ने उन पर जोधपुर के पास मणाई गांव में उनके आश्रम में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली लड़की आश्रम में छात्रा थी। अप्रैल 2018 में जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक किशोरी के साथ बलात्कार का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 29 अगस्त 2024 को गुजरात उच्च न्यायालय ने निलंबन की मांग करने वाले बाबा की याचिका को खारिज कर दिया और कोई मामला नहीं पाया। आसाराम और चार अन्य सह.आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने 6 नवंबर 2013 को पोस्को अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया था। किशोरी ने अपनी शिकायत में कहा था कि आसाराम ने उसे जोधपुर के पास मनई इलाके में अपने आश्रम में बुलाया था और 15 अगस्त 2013 की रात को उसके साथ बलात्कार किया था। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर ेेेे की रहने वाली किशोरी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में पढ़ रही थी।

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