राजनीति
संजय राउत ने किया नया खुलासा : गुवाहाटी से तो मुझे भी आया था आफर
शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे को फालो करता हूं, इसलिए गुवाहाटी नहीं गया
सीएन, नईदिल्ली। महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो चुका है। एकनाथ शिंदे राज्य के नए मुख्यमंत्री बने हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। सरकार के गठन से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में कई दिनों तक उथल-पुथल का माहौल रहा। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत के एक बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी है। संजय राउत ने कहा कि मुझे भी गुवाहाटी जाने का प्रस्ताव मिला था लेकिन मैं बालासाहेब ठाकरे का अनुसरण करता हूं इसलिए मैं वहां नहीं गया। जब सच्चाई आपके पक्ष में है, तो डर क्यों है? वहीं, इससे पहले महाराष्ट्र शिवसेना विधायक दीपक केसरकर ने कहा था कि गोवा उद्धव ठाकरे बड़े कद के नेता हैं और हम उनके खिलाफ नहीं बोलेंगे। हम उनसे सही समय पर बात करेंगे। सभी गलतफहमियों को सुलझा लिया जाएगा। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि जिस तरह से सरकार बनी है और एक तथाकथित शिवसेना कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया है, मैंने अमित शाह से यही कहा था। ये सम्मानपूर्वक किया जा सकता था। शिवसेना आधिकारिक तौर पर (उस समय) आपके साथ थी। यह मुख्यमंत्री(एकनाथ शिंदे) शिवसेना के नहीं हैं। मेरा गुस्सा मुंबई के लोगों पर मत निकालो। मेट्रो शेड के प्रस्ताव में बदलाव न करें। मुंबई के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ न करें। एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकाले जाने की खबर को शिबसेना ने प्रमुखता से अपने मुखपत्र सामना में छापा है। कल शिवसेना की तरफ से जारी लेटर में बताया गया था कि पार्टी विरोधी गतिविधियो में लिप्त होने की वजह से एकनाथ शिन्दे को पार्टी से निकाला जाता है। हालांकि एकनाथ शिंदे को ये पत्र 30 जून को ही भेज दिया गया था। पत्र में लिखा गया है कि एक तरफ़ उन्होंने पार्टी विरोधी काम किया। दूसरी तरफ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दिया है। इसलिए पार्टी उन्हें निकाल रही है। ये पत्र खुद उद्द्ध्व ठाकरे की तरफ से जारी किया गया है और इसकी कॉपी रास्ट्रीय कार्य कारिणी और अनुशासनात्मक कमिटी को भी भेजी गई है।