राजनीति
महाराष्ट्र का सत्ता संग्राम : भाजपा ने देवेंद्र फडणवीस को लूप में रखा
शिंदे को पता था वे ही बनेंगे सीएम, बीजेपी के आला कमान ने बहुत ही बारीकी से किया काम
सीएन, नईदिल्ली। पिछले 10 दिनों से महाराष्ट्र में मचा सियासी घमासान जो कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व के शिवसेना बागी विधायकों महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम चल रहा था। 40 बागी विधायकों के साथ सूरत फिर गुवाहाटी और फिर महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के साथ शिंदे का मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने तक, इस पूरे घटनाक्रम में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बहुत ही बारीकी से काम किया। यहां तक कि इस खेल में सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी फडणवीस को भी अंतिम क्षणों तक इस बात की जानकारी नहीं थी कि एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। फडणवीस को भाजपा आला कमान ने बिल्कुल लूप पर रखा था। यही कारण है कि गुरुवार को मुंबई में घटनाओं का असामान्य क्रम : पहला फडणवीस की आश्चर्यजनक घोषणा कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और फडणवीस इस सरकार का हिस्सा नहीं होंगे वो बाहर से समर्थन करेंगे। इसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का सार्वजनिक बयान आता है कि फडणवीस महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम होंगे और बीजेपी भी सरकार का हिस्सा होगी। नड्डा के इस बयान का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी समर्थन किया। बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि बीजेपी ने इस पूरे घटनाक्रम के दौरान एकनाथ शिंदे को लूप में रखा था। योजना और अनुशासन पर सख्त जोर देने वाली पार्टी बीजेपी में भ्रम के इस तरह के सार्वजनिक प्रदर्शन को नहीं जाना जाता है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने महसूस किया कि एक मजबूत बीजेपी नेता के पास न केवल बेहतर नीति-निर्माण निश्चित करने नौकरशाही पर पकड़ बनाए रखने और सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने का एकमात्र तरीका है बल्कि एक स्थिर सरकार भी प्रदान करना है। एक नेता ने कहा, सत्ता से बाहर रहने पर फडणवीस एक अतिरिक्त-संवैधानिक शक्ति केंद्र होंगे, जिससे आने वाले समय में महाराष्ट्र सरकार के लिए समस्याएं हो सकती हैं।