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कौन हैं मोहिनी जिसके लिए 500 करोड़ रूपये छोड़ गए हैं रतन टाटा, ग्रुप में मचा है हड़कंप

कौन हैं मोहिनी जिसके लिए 500 करोड़ रूपये छोड़ गए हैं रतन टाटा, ग्रुप में मचा है हड़कंप
सीएन, मुंबई।
दिवंगत रतन टाटा की हाल में खोली गई वसीयत में चौंकाने वाली बात सामने आई है। उन्होंने अपनी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा यानी लगभग 500 करोड़ रुपये से ज्यादा एक ऐसी शख्सियत को दिया जिसके बारे में दुनिया कम ही जानती है। सूत्रों के मुताबिक रतन टाटा ने अपनी वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा दिया है। बहुत कम लोग रतन टाटा और दत्ता के संबंधों के बारे में जानते थे। यह खबर टाटा परिवार के लिए भी चौंकाने वाली है। मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर के रहने वाले हैं और ट्रैवल सेक्टर में काम करते हैं। उन्हें इतनी बड़ी रकम मिलना किसी कहानी सरीखा लग रहा है। दत्ता का परिवार एक ट्रैवल एजेंसी चलाता था। 2013 में इसका ताज सर्विसेज में विलय हो गया। ताज सर्विसेज ताज ग्रुप ऑफ होटल्स का हिस्सा है। स्टैलियन में दत्ता परिवार की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जबकि बाकी 20 प्रतिशत टाटा इंडस्ट्रीज के पास थी। मोहिनी दत्ता टीसी ट्रैवल सर्विसेज के डायरेक्टर भी रहे हैं। यह थॉमस कुक से जुड़ी एक कंपनी थी। रतन टाटा के करीबी लोगों का कहना है कि दत्ता उनके पुराने साथी थे। परिवार समेत उनके करीबी लोग दत्ता को जानते थे। इस बारे में पूछे जाने पर मोहिनी दत्ता ने कोई जवाब नहीं दिया। रतन टाटा की वसीयत के एग्जीक्यूटर्स में उनकी सौतेली बहनें शिरीन और डीना जेजीभॉय भी शामिल हैं। उन्होंने भी इस पर कुछ नहीं कहा। एक और एग्जीक्यूटर डेरियस खंबाटा ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। चौथे एग्जीक्यूटर मेहली मिस्त्री ने कहा मैं इस व्यक्ति के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता। दत्ता की दो बेटियों में से एक ने 2024 तक नौ साल टाटा ट्रस्ट्स में काम किया। इससे पहले वह ताज होटल्स में काम करती थी। टाटा समूह के सूत्रों ने बताया कि दत्ता खुद को टाटा परिवार का करीबी बताते थे। अक्टूबर 2024 में रतन टाटा के अंतिम संस्कार में मीडिया में दत्ता के हवाले से कहा गया था कि वह रतन टाटा से पहली बार जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में मिले थे। तब रतन टाटा 24 साल के थे। उन्होंने कहा उन्होंने मेरी मदद की और मुझे आगे बढ़ाया। दत्ता ने साथ ही दावा किया था कि वे 60 साल से एक.दूसरे को जानते थे। दत्ता को दिसंबर 2024 में मुंबई में आयोजित रतन टाटा के जन्मदिन समारोह में भी आमंत्रित किया गया था। रतन टाटा ने अपनी अधिकांश संपत्ति दान के लिए छोड़ दी है। साथ ही उन्होंने अपनी सौतेली बहनों के लिए वसीयत में कुछ पैसा छोड़ा है। माना जा रहा है कि उनकी सौतेली बहनों ने भी अपनी हिस्सेदारी दान करने की इच्छा जताई है। इस खुलासे से टाटा ग्रुप में काफी चर्चा हो रही है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि संपत्ति के बंटवारे की बारीकी से जांच की जाएगी।

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