राजनीति
हरिद्वार लोकसभा में हरीश-हरक पर टिकी कांग्रेस की सुई
-हरिद्वार टिकट के नतीजे के बाद ही पूर्व मंत्री हरक सिंह का अगला राजनीतिक कदम उठेगा
सीएन, हरिद्वार/नैनीताल। जैसे.जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियों अपनी अपनी तैयारी में लगी हुई है वही हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस की सुई मुख्य तौर पर हरीश रावत व हरक रावत के नाम पर टिक गई है। वैसे तो पूर्व सीएम हरीश रावत अपने पुत्र बीरेंद्र के नाम को आगे कर रही हैं। लेकिन भाजपा के टिकट की घोषणा होने के बाद हरिद्वार लोकसभा सीट पर बदले चुनावी समीकरण के बाद कांग्रेस एक बार फिर पुराने व अनुभवी चेहरे पर दांव लगाने की जुगत में है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंगलवार की रात या बुधवार तक हरिद्वार व नैनीताल सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा कर देगी। इस बीच, भाजपा ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को हरिद्वार सीट उतारा है। त्रिवेंद्र की उम्मीदवारी को लेकर निशंक, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, यतीश्वरानंद समर्थकों ने कोई विशेष उत्साह नहीं दिखाया। हरिद्वार लोकसभा में भाजपा के अंदर कुछ नेताओं की नाराजगी चुनाव को प्रभावित कर सकती है। इन बदले समीकरणों को भांपते हुए कांग्रेस ने बीते कुछ दिनों से बाहरी समर्थन की संभावनाओं पर भी गौर किया है। कांग्रेस को यकीन है कि हरिद्वार में पार्टी को इंडिया गठबन्धन से जुड़े समाजवादी पार्टी के मतों के अलावा अन्य कुछ विरोधी पॉकेट में भी सेंध लग सकती है। हालांकि, इंडिया गठबन्धन के तहत समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता हरिद्वार सीट की मांग कर रहे हैं। इधर, हरिद्वार सीट पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण मेहरा भी दावा कर रहे हैं। लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुख्य जंग हरक व हरीश रावत के बीच ही सिमटी हुई है। बीते घटनाक्रम के तहत ईडी व सीबीआई जांच का सामना कर रहे पूर्व मंत्री हरक सिंह की बहु अनुकृति व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा कांग्रेस छोड़ पार्टी पर दबाव बना चुकी है। इनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस के अंदर हरक सिंह के भी पार्टी छोड़ने की चर्चाएं आम हो गयी है। वैसे तो कांग्रेस ने हरक सिंह को उड़ीसा के आब्जर्वर बना कर हरीश रावत का रास्ता साफ करने के संकेत दिए थे। लेकिन एक बार फिर हरक सिंह ने हरिद्वार में उन्हें मिल रहे बाहरी समर्थन का हवाला देते हुए टिकट की जंग जारी रखी हुई है। सूत्रों का कहना है कि हरिद्वार में कांग्रेस हरीश व हरक में से ही किसी को चुनेगी। बहुत महाभारत होने पर किसी तीसरे दावेदार की लॉटरी खुलेगी। ईडी व सीबीआई जांच में उलझे हरक सिंह हरिद्वार टिकट की घोषणा होने के बाद ही भविष्य की राजनीति को तय करेंगे।