राजनीति
लोक सभा चुनाव 2024 : अल्मोड़ा सीट में इस बार भी कांग्रेस-भाजपा का आमना सामना
-भाजपा के अजय टम्टा व कांग्रेस के प्रदीप टम्टा का एक बार फिर हो रहा जोरदार मुकाबला
-सीट पर वर्ष 1980, 1984 व 1989 में कांग्रेस के हरीश लगातार चुनाव जीते
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोक सभा सीट के लिए इस बार प्रमुख दल भाजपा ने अपना प्रत्याशी केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा के रूप में मैदान में उतारा है तो कांग्रेस की ओर से राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा चुनाव मैदान में है। नामांकन के बाद दोनों कद्दावर नेताओं ने अपना चुनाव प्रचार अभियान भी तेज कर दिया है। बसपा की ओर से भी नारायण राम यहां उम्मीदवार उतारे गये है। अधिकांश क्षेत्रों में भाजपा व कांग्रेस ही सब में भारी है। मुख्य मुकाबला भी कांग्रेस व भाजपा के बीच है। इस सीट पर इस समय भाजपा का कब्जा है। वह इसे बरकरार रखने में ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। इस सीट पर अब तक 16 बार लोक सभा चुनाव हो चुके है। जिसमें दस बार कांग्रेस ने कब्जा किया। छह बार भाजपा इस सीट पर काबिज रही। वर्ष 1980, 1984 व 1989 में कांग्रेस के हरीश रावत लगातार चुनाव जीते। इसके बाद 2009 में कांग्रेस के प्रदीप टम्टा ने जीत हासिल की। खास बात यह है कि इस लोक सभा में इस बार भाजपा का वर्चस्व है। लोक सभा में भाजपा का सांसद है तो अधिकांश विधान सभाओं में भाजपा का कब्जा है। लेकिन इस सीट पर जहां भाजपा मोदी मैजिक के सहारे चुनाव मैदान में है तो कांग्रेस अपने पारम्परिक वोटो व कांग्रेस के खांटी नेता हरीश रावत के सहारे चुनाव मैदान में है। इस सीट पर 43 प्रतिशत ठाकुर व 38 प्रतिशत ब्राह्मण वोटर भी चुनाव जीताने में निर्णायक साबित होंगे। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोक सभा सीट पर वर्तमान सांसद अजय टम्टा पुन मैदान में है। वह केन्द्र सरकार की योजनाओं के साथ ही मोदी मैजिक के सहारे पूरे उत्साह में चुनाव मैदान में है। जहां तक भाजपा प्रत्याशी का सवाल है। अजय टम्टा अपने क्षेत्र के जाने पहचाने नेता है। उनका भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी व्यक्तिगत संबंध बताये जाते है। उनके लिए भाजपा कोई कोर कसर नही छोड़ेगी। छात्र जीवन से एबीवीपी से जुड़े अजय 2014 व 2019 में सांसद चुने गये। वह सोमेश्वर के विधायक भी रहे और भाजपा की राज्य सरकार में भी रहे। कांग्रेस के खांटी नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत के खास माने जाने वाले वर्तमान पूर्व राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा चुनाव मैदान में है। प्रदीप का यह चौथी बार सांसदी का चुनाव है। वह एक बार अल्मोड़ा के लोकसभा सांसद रह चुके है। इस सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है। 1952 से लेकर 1971 तक कांग्रेस का यह मजबूत किला रहा है। बाद के वर्षो में वर्ष 1980 से वर्ष 1989 तक यहां कांग्रेस के खांटी नेता हरीश रावत ने अपना परचम लहराया था। वर्ष 1980 में वह भाजपा के दिग्गज डा. मुरली मनोहर जोशी को हरा कर लोक सभा में पहुंचे थे। वर्ष 1989 के बाद इस सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा रहा। 2009 में कांग्रेस के प्रदीप टम्टा ने चुनाव जीत कर सूखा समाप्त करवाया। 2014 में मोदी लहर के चलते कांग्रेस प्रत्याशी को 95 हजार मतों के भारी अंतर से भाजपा ने पराजित किया। 2019 के आसन्न चुनावों में भाजपा का मोदी की गारंटी का नारा कितना काम आता है। यह बाद में ही पता चल पायेगा। लेकिन यह सीट सैनिक बाहुल्य सीट है। लिहाजा चुनाव नतीजे जो भी आएंगे वह चौंकाने वाले होंगे। भाजपा को मोदी पर पूरा भरोसा है। लिहाजा वह अब तक मोदी के नाम पर वोट मांग रही है। जबकि कांग्रेस में अब भी खांटी नेता हरीश रावत का इस सीट पर काफी प्रभाव है। लिहाजा वह उनके नाम पर वोट मांग रही है। संभवतः रावत यहां जनसभा को भी संबोधित कर सकते हैं।