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राजनीति

आप को लेकर क्या है मोदी का प्लान, संजय सिंह के बेल में छिपा है राज, अब क्या होगा

आप को लेकर क्या है मोदी का प्लान, संजय सिंह के बेल में छिपा है राज, अब क्या होगा
सीएन, नईदिल्ली।
संजय सिंह केस पर सुनवाई कोर्ट में चल रही थी। उसी वक्त सुनीता केजरीवाल अपने घर पर बैठक बुलाती हैं। विधायकों और नेताओं पर सुनीता केजरीवाल से ज्यादा संजय सिंह की पकड़ है इसे दिल्ली की राजनीति की थोड़ी-बहुत समझ रखने वाला भी जानता है। साल 2011-12 का दौर, इस देश में करप्शन के खिलाफ जितनी बड़ी तादाद में युवा तबका सड़कों पर निकल आया था। उससे रामलीला मैदान पट गया था। जंतर मंतर पर जब आंदोलन की की जरा सी धड़कन होती तो लोगों के हुजूम से पूरा जंतर मंतर भर जाता था। यहां तक की तिहाड़ जेल में जब अरविंद केजरीवाल को बंद किया गया तो उस जेल के बाहर बड़ी तादाद में युवाओं और आम लोगों की भीड़ नजर आई। करप्शन को लेकर नारे जुबान से लग रहे थे। माना जाने लगा कि देश में राजनीतिक परिवर्तन की हवा बह निकली है। लेकिन 2024 के दौर में वही अरविंद केजरीवाल करप्शन के केस में जेल में हैं। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को 181 दिनों के बाद शराब घोटाले के मामले में जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट से संजय सिंह को जमानत मिलते ही आम आदमी पार्टी के भीतर वैसा उत्साह नजर नहीं आ रहा है। भले ही आतिशी से लेकर सुनीता केजरीवाल तक को लगने लगा है कि अब शराब घोटाले में फंसे आम आदमी पार्टी के बाकी नेता जेल से जल्द ही बाहर आ जाएंगे। लेकिन क्या ऐसा हो पाएगा और अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की राह भी अब आसान हो गई है। संजय सिंह ने जमानत की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। उसके बाद से जमानत पर जब सुनवाई हुई। ईडी ने रिस्पॉस नहीं किया। वहीं संजय सिंह को जमानत के बाद उनके घर की तस्वीरें सामने आई। संजय सिंह के घर वालेए उनकी पत्नी सभी जश्न मनाते दिखे। लेकिन आम नेताओं में वैसी खुशी की लहर देखने को नहीं मिली। वो भी ऐसे वक्त में जब पार्टी को ऐसे नेताओं की दरकार है जिनकी पकड़ संगठन स्तर पर बेहद मजबूत हो। लेकिन फिर भी जैसी शांति छाई है वो किसी बड़े तूफान का संकेत है। संजय सिंह की जमानत पर जब सुनवाई हो रही थी तो सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने बार-बार इस बात को दोहराया कि इनकी जमानत देने की प्रक्रिया अलग है। दूसरे मामलों में जमानत देने की प्रक्रिया अलग होगी। इसका सीधा सा मतलब ऐसे समझ सकते हैं कि मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाले में अन्य आरोपियों यानी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को जमानत देने की नजीर इसे नहीं माना जा सकता है। संजय सिंह केस पर सुनवाई कोर्ट में चल रही थी। उसी वक्त सुनीता केजरीवाल अपने घर पर बैठक बुलाती हैं। विधायकों और नेताओं पर सुनीता केजरीवाल से ज्यादा संजय सिंह की पकड़ है इसे दिल्ली की राजनीति की थोड़ी-बहुत समझ रखने वाला भी जानता है। वर्तमान में जैसी स्थितियां बन रही है। उसमें अगर अरविंद केजरीवाल लंबे वक्त के लिए जेल में रहते हैं। मनीष सिसोदिया 14 महीने जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन तक रिजेक्ट कर दी गई है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल को तुरंत राहत मिलने की संभावना मुश्किल नजर आ रही है। ऐसी स्थिति में क्या होगा। विधायकों पर पकड़ रखने वाले नेता का नाम आगे बढ़ाया जा सकता है। अरविंद केजरीवाल के नजदीकी व्यक्तियों की सूची में गोपाल राय अभी शांत बैठे हुए हैं। उन्हें भी ऐसे सहयोगियों की जरूरत है जो आम आदमी पार्टी के आंदोलन के वक्त उनके साथ रहे। अरविंद केजरीवाल के करीबी भी और आप के विधायकों व संगठन पर पकड़ अच्छी हो। तभी वो अपने लिए सीएम पद की लॉबिंग कर सकते हैं। लेकिन उनको आतिशी, दिलीप पांडेय, सौरभ भारद्वाज, सोमनाथ भारती में से कोई नजर नहीं आ रहा है। विधायक अभी अलग अलग खेमे में बंटे नजर आ रहे हैं। संजय सिंह उन्हें एक कर सकते हैं। 

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