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औपनिवेशिक लेखकों ने प्राचीन इतिहास को सुनियोजित ढंग से विकृत किया : डॉ. संजय
औपनिवेशिक लेखकों ने प्राचीन इतिहास को सुनियोजित ढंग से विकृत किया : डॉ. संजय
सीएन, अल्मोड़ा। भारतीय इतिहास संकलन समिति, अल्मोड़ा, उत्तराखंड द्वारा गुरूवार को इतिहास संस्कृति एवम पुरातत्त्व विभाग एसएसजे परिसर, अल्मोड़ा में एक बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री, भारतीय इतिहास संकलन समिति डॉ. संजय द्वारा की गई। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. संजय द्वारा भारत के प्राचीन ऐतिहासिक सांस्कृतिक महत्व के पुरास्थलों की सूची एवं उन पर शोध के लिए योजना के विषय में चर्चा की। कहा कि औपनिवेशिक लेखकों ने प्राचीन भारतीय इतिहास को सुनियोजित ढंग से विकृत करने का प्रयास किया और यह हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम भारत के वास्तविक अतीत को समझें और जाने इस हेतु राष्ट्रवादी इतिहास लेखन हेतु शोधार्थियों शिक्षकों को प्रोत्साहित करना होगा। इस संबंध में भारतीय इतिहास संकलन समिति द्वारा निर्धारित कार्य योजना की रूपरेखा को प्रस्तुत किया। प्राचीन भारतीय परंपरागत ज्ञान कृषि, चिकित्सा, आदिवासी जनजातियों के साथ स्थानीय राजवंशों, आजादी के गुमनाम नायकों को प्रकाश में लाने हेतु क्षेत्रीय इतिहास लेखन पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के अंत में प्रो. वीडीएस नेगी ने भारतीय इतिहास संकलन समिति, अल्मोड़ा द्वारा किए गए प्रयासों एवम आगामी योजनाओं की चर्चा की। अंत में कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में डॉ. चंद्र सिंह चौहान, डॉ. दीपा जलाल, डॉ. ललित मोहन जोशी, डॉ. अभिनव तिवारी, प्रेमा खाती, डॉ. लक्ष्मी वर्मा, रवि कुमार, नरेंद्र कुमार, दीपा, डॉ. दया वर्धन, डॉली, चंदन जीना, प्रज्ञा तिवारी, डॉ. गोकुल देउपा आदि उपस्थित रहे।