जन मुद्दे
भारतीय प्रेस परिषद को स्वीकार करने व सम्मानित करने को 16 नवंबर को मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रेस दिवस
सीएन, नैनीताल। भारत में निर्भीक पत्रकारिता और स्वत्रंत व ज़िम्मेदार प्रेस की उपस्थिति के उपलक्ष में देश भर में 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है। भारतीय प्रेस परिषद को स्वीकार करने और सम्मानित करने के लिए हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन देश में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की उपस्थिति का प्रतीक है। वर्ष 1956 में प्रथम प्रेस आयोग ने वैधानिक प्राधिकरण के साथ एक निकाय बनाने का निर्णय लिया। जिसके पास पत्रकारिता की नैतिकता को बनाए रखने की जिम्मेदारी है। आयोग ने महसूस किया कि प्रेस के लोगों से जुड़ने के लिए और उत्पन्न होने वाले किसी भी मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए एक प्रबंध निकाय की आवश्यकता थी। 1966 में 16 नवंबर को पीसीआई का गठन किया गया था। भारत का राष्ट्रीय प्रेस दिवस तब से हर साल 16 नवंबर को परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, परिषद की अध्यक्षता परंपरागत रूप से सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश और 28 अतिरिक्त सदस्य करते हैं, जिनमें से 20 भारत में संचालित मीडिया आउटलेट्स के सदस्य हैं। पांच सदस्यों को संसद के सदनों से नामित किया जाता है और शेष तीन सांस्कृतिक, कानूनी और साहित्यिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारतीय प्रेस परिषद का मूलभूत कार्य देश में हो रही मीडिया संचालन की निगरानी करना है। यह परिषद नैतिकता के उल्लंघन, प्रेस की स्वतंत्र में बाधा व शिकायतों से संबंधित मामलों में निर्णय लेने का कार्य भी करता है। भारतीय प्रेस परिषद का उद्देश्य है की वह यह सुनिश्चित करे की देश में पत्रकारिता किसी भी तरह के बाहरी प्रभाव से ग्रस्त न हो बल्कि देश में मीडिया लोकतंत्र की जड़ों को और अधिक मज़बूत करे।