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पीएम किसान योजना में सबसे बड़ा बदलाव, दें जानकारी वरना सरकार करेगी वसूली
पीएम किसान योजना में सबसे बड़ा बदलाव, दें जानकारी वरना सरकार करेगी वसूली
सीएन, नईदिल्ली। पीएम किसान के लाभार्थियों के लिए जरूरी खबर है. अगर आप पीएम किसान योजना का लाभ उठा रहे हैं तो अब आपको 12वीं किस्त के लिए नई जानकारी देनी होगी. दरअसल, अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पाने वाले किसानों की भूमि का सत्यापन किया जाएगा. सरकार ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को 31 जुलाई तक सत्यापन कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि अब उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएम किसान के लिए भूमि का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है. उप कृषि निदेशक ग्रामवार किसानों का विवरण पोर्टल से निकालकर संबंधित तहसील को देंगे, राजस्व कर्मी पोर्टल पर विवरण दर्ज करेंगे. इसकी निगरानी उपजिलाधिकारी करेंगे. पीएम किसान योजना के तहत प्रदेश के दो करोड़ 59 लाख किसानों को 47397 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है. दरअसल, कई अपात्र किसान भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं, ऐसे में केंद्र व प्रदेश सरकार पात्र किसानों को ही योजना का मिले इसके लिए कई स्तरों पर पात्रता की जांच कर रही है. इसलिए इस योजना में कई तरह के दस्तावेज अनिवार्य कर दी गए हैं, जैसे-जैसे आधार से जोड़ना, पीएफएमएस पोर्टल व आयकर विभाग के सर्वर से आयकर दाताओं की पहचान की गई है. ताकि कोई टैक्स भरने वाला किसान इस योजना का लाभ न ले. सरकार ने अपात्र किसानों की नए सिरे से पहचान कराने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत अब पीएम किसान पोर्टल पर पंजीकरण, अपात्र किसानों को चिन्हित करके उन्हें डिलीट करना, ई-केवाइसी का कार्य पूरा करना और उनकी भूमि का सत्यापन किए जाने का कार्य हो रहा है. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि लाभार्थी किसानों की भूमि का सत्यापन का कार्य 31 जुलाई तक कर लिया जाए. इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने पीएम किसान का डाटा डाउनलोड करने व राजस्व विभाग की ओर से भूमि संबंधी सूचना एक्सेल शीट पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसानों की नई लिस्ट बनाई जा सके. इसमें राजस्व कर्मी अपने गांव का ब्योरा दर्ज करेंगे. इसके बाद तहसील लॉग इन से इस पोर्टल पर भूमि का ब्योरा अपलोड किया जाएगा. इस सत्यापन के दौरान मृत किसान, भूमिहीन या अन्य वजह से अपात्र पाए जाने वालों का चिन्हित करते हुए उन्हें अलग से इंगित किया जाएगा, लाभार्थी को मिलने वाली किस्तें रोकी जाएंगी और पहले दी जा चुकी धनराशि की वसूली होगी.