जन मुद्दे
इस बार 15 जून को कैंचीधाम मंदिर में होगा भव्य मेले का आयोजन
कैंचीधाम 1960 में एक संत नीम करौली बाबा द्वारा स्थापित हनुमान जी का मंदिर
सीएन, कैंचीधाम। 15 जून को कैंचीधाम मंदिर में हर वर्ष भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें दूर दूर से भक्त बाबा के दर्शनों के लिए कैंची धाम पहुंचते है। कोरोना के चलते बीते दो वर्ष मेले का आयोजन नहीं हुआ था। 56 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है जब मंदिर के स्थापना दिवस पर आयोजन नहीं हुआ। लेकिन इस वर्ष कैंची धाम में 15 जून को पूर्व की भांति मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसके लिए तहसील प्रशासन, पुलिस और मंदिर समिति व्यवस्थाओं में जुट चुकी है। कैंची धाम में स्थापना दिवस के अवसर आयोजित होने वाले मेले की व्यवस्थाओं को लेकर कोश्या कुटौली के उपजिलाधिकारी राहुल शाह की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में 15 जून को स्थापना दिवस के अवसर पर क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, पेयजल आदि विषयों पर चर्चा की गई।इस दौरान मंदिर समिति, पुलिस व प्रशासन ने निर्णय लिया कि भवाली से मंदिर आने वाले वाहनों को करीब 2किमी पहले ही रोक दिया जाएगा। वहीं एसडीएम राहुलशाह ने प्राथमिकता से पार्किंगों का चयन, यातायात सुविधा के लिए जल्द स्थानों का निरीक्षण करने को कहा।
कैंचीधाम 1960 में एक संत नीम करौली बाबा द्वारा स्थापित किया गया हनुमान जी का मंदिर
कैंचीधाम हनुमान जी का मंदिर है और एक आश्रम है जो कि 1960 में एक संत नीम करौली बाबा द्वारा स्थापित किया गया था। एक मंदिर नदी के किनारे व पहाड़ियों के बीच एक पवित्र स्थान है। यह धाम भारत के राज्य उत्तराखंड, भोवाली क्षेत्र में स्थित है। यह धाम नैनीताल से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा नैनीताल व रानीखेत के मार्ग पर स्थित एक पवित्र स्थान है। इस स्थान का कैंची के साथ कोई संबंध नहीं है। यह दो पहाड़ियों के बीच स्थित है जो कैंची का आकार बनाने के लिए एक दूसरे को काटता है और पार करता है। यही कारण है कि इस जगह को ‘कैंची धाम’ कहा जाता है। अब यह स्थान प्रसिद्ध श्री नीम करौली बाबा के आश्रम कैंचीधाम के नाम से स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। इस पवित्र स्थान पर सैकड़ों लोग हर रोज मंदिर में जाते है। मई से जुलाई के महीनों में ये संख्या दूगनी हो जाती है। यह हर साल 15 जून को इस धाम की स्थापना दिवस के रूप मनाया जाता है और हर साल भंडारे का आयोजन किया जाता है। इस दिन लाखों लोग इस स्थान पर आते है। मंदिर में किसी प्रकार के प्रसाद व फूलों के पेशकश नहीं की जाती है। मंदिर में साफ सफाई का पूरा ध्यान दिया जाता है। मंदिर में सुबह व शाम को आरती की जाती है। आरती के समय मंदिर का आध्यत्मिक वातावरण शांत और दिव्य हो जाता है। इस मंदिर में भारत से लाखों लोग मंदिर का दौरा करते है अपितु विदेशो से भी लोग आते है। 1970 में स्टीव जाॅब्स जो एपल कंपनी के पूर्व सीईओ थे, इस मंदिर में एक बार आये थे और मार्क जकरबर्ग जो फेसबुक के सीईओ है, इस स्थान आये थे।