उत्तराखण्ड
उत्तराखंड भाजपा संगठन में बदलाव की कवायद
सीएन, देहरादून। विधानसभा चुनाव के परिणाम आने में भले ही 10 दिन का समय हो, लेकिन प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट महसूस होने लगी है। माना जा रहा कि प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी गढ़वाल मंडल से किसी वरिष्ठ नेता को सौंपी जा सकती है। यदि भाजपा फिर से सत्ता में आती है तो वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। रविवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की मुलाकात को इस कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। उधर, विधानसभा चुनाव में भितरघात की एक के बाद एक शिकायतों से असहज भाजपा 10 मार्च तक वेट एंड वाच की रणनीति पर चल रही है। यही कारण है कि इस विषय पर पार्टी फिलहाल चुप्पी साधे है।
प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार में पिछले साल मार्च में नेतृत्व परिवर्तन हुआ था। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्थान पर गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके साथ ही प्रदेश भाजपा संगठन में भी नेतृत्व परिवर्तन कर दिया गया। तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत को सरकार में मंत्री बनाया गया और त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री रहे मदन कौशिक को प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी गई। ऐसे में कौशिक के सामने स्वयं को नई भूमिका में साबित करने की चुनौती थी।
अब जबकि पांचवीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और 10 मार्च को मतगणना होनी है तो प्रदेश संगठन में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। असल में कौशिक हरिद्वार जिले से आते हैं और वह हरिद्वार सीट से चुनाव मैदान में हैं। चुनाव के दौरान वह बड़े नेताओं की सभाओं में तो शामिल हुए, लेकिन ज्यादा समय उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में ही बिताया। इस बीच 14 फरवरी को मतदान के तुरंत बाद हरिद्वार जिले से ही चुनाव में भितरघात की बात मुखर हुई। तब लक्सर से भाजपा प्रत्याशी एवं विधायक संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही भितरघात का गंभीर आरोप लगाया था। यद्यपि पार्टी ने इस प्रकरण का संज्ञान लिया है, लेकिन अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।