उत्तराखण्ड
डीआईजी ने किया पार्किंग के लिए क्यूआर कोड सिस्टम का उद्घाटन
पर्यटन सीजन के दृष्टिगत तल्लीताल में स्थित टोल टैक्स बूथ पर स्थापित किया
सीएन, नैनीताल। पुलिस उपमहानिरीक्षक, कुमॉयू परिक्षेत्र डॉ. नीलेश आनन्द भरणे (आईपीएस) द्वारा आज आगामी पर्यटन सीजन के दृष्टिगत पर्यटकों की सुविधा हेतु पार्किंग स्थलों से सम्बन्धित क्यूआर कोड सिस्टम का उद्घाटन किया। उक्त क्यूआर कोड सिस्टम पुलिस उपमहानिरीक्षक द्वारा तल्लीताल में स्थित टोल टैक्स बूथ पर स्थापित किया गया है। उक्त बार कोड सिस्टम को विकेन्द्र इनोवेश्न लैब्स प्रा लिमिटेड (मोबीक्यूविल) कम्पनी के डॉयरेक्टर विभोर गुप्ता द्वारा बनाया गया है तथा इसे बनाने में परिक्षेत्र कार्यालय में नियुक्त संजय सिंह रावत व बृजेश यादव द्वारा पुलिस उपमहानिरीक्षक के दिशा निर्देशन में सहयोग दिया गया। उक्त क्यूआर कोड नैनीताल की मुख्य छः पार्किंग स्थलों को सम्मिलित किया गया है। इनमें अशोक टाकीज पार्किंगए मल्लीताल, डीएसए पार्किंग मल्लीताल, नियर बीडी पाण्डे हॉस्पिटल पार्किग, मेट्रोपोल पार्किंग मल्लीताल, केएमवीएन सूखाताल पार्किंग मल्लीताल, नारायणनगर पार्किग नैनीताल शामिल हैं। मालूम हो कि नैनीताल में भारी मात्रा में पर्यटकों की आवाजाही रहती है, जिसके मद्देनजर पार्किंग की भारी समस्या रहती है। पर्यटकों को पता नहीं होता है कि पार्किंग स्थल कहॉ-कहॉ हैं तथा उन्हें कहॉ जाना है तथा कौन सी पार्किंग में कितनी क्षमता है। जिस कारण पर्यटक अनावश्यक परेशान होते रहते है उनकी इस समस्या को ध्यान में रखते हुए ही क्यूआर कोड सिस्टम लागू किया गया है।उक्त क्यूआर कोड सिस्टम केे लागू होने से पर्यटकों को इस बात की जानकारी आसानी से प्राप्त हो पायेगी कि किस पार्किंग में कितनी गाडियॉ खड़ी हो सकती है और कहॉ पार्किंग हेतु जगह उपलब्ध है। उक्त क्यूआर कोड सिस्टम में यह भी व्यवस्था की गयी है कि जैसे ही एक पार्किंग फुल हो जाएगी तो पर्यटकों को क्यूआर कोड स्कैन कराकर दूसरे पार्किंग स्थल पर भेजा जाएगा। जिससे पर्यटकों को अनावश्यक इधर उधर घूमने की आवश्यकता नहीं पडे़गी। उक्त क्यूआर कोड सिस्टम के आने वाले एडवांस वर्जन में यह भी सुविधा होगी कि क्यूआर कोड स्कैन करते ही पर्यटकों की गाड़ियों की नम्बर प्लेट भी रीड होगी। जिससे शहर में बार-बार अनावश्यक रूप से चक्कर लगा रही गाड़ियों की जानकारी हो पायेगी। उक्त बार कोड सिस्टम के इससे भी एडवांस वर्जन के माध्यम से बार कोड स्कैन करते ही वाहन के मालिक का पूरा पता हमें प्राप्त हो जाएगा जिससे अन्य जनपदों व शहरों से अपराध कर आने वाले व्यक्तियों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। जिससे अपराध नियंत्रण में भी सहायता मिलेगी। आने वाले एडवांस क्यूआर कोड सिस्टम से हमें यह भी जानकारी प्राप्त हो सकेगी की कौन से नम्बर की कुल कितनी गाडियॉ शहर के अन्दर प्रवेश हुई है और कितनी बाहर निकल चुकी हैै। उसका डाटा भी पुलिस के पास रहेगा।