उत्तराखण्ड
इस माह सितंबर में पांच ग्रह लगाएंगे गगन में चार चांद
इस माह सितंबर में पांच ग्रह लगाएंगे गगन में चार चांद
सीएन, नैनीताल। सितंबर का महीना आसमान की सुंदरता के लिहाज से बेहद दिलचस्प रहने वाला है। इसकी वजह मानसून की विदाई के बाद आसमान की निखरी हुई सुंदरता होगी और टिमटिमाते तारों के बीच मुस्कराते हमारे पांच ग्रह होंगे। करीब छः महीनों बाद इन ग्रहों की निखरी हुई सुंदरता को निहारने का मौका हमारे पास होगा। इन ग्रहों में बृहस्पति, शनि, मंगल, शुक्र व बुध ग्रह शामिल होंगे। जिनमे कुछ शाम के बाद तो कुछ सुबह आसमान के आसमान में सुंदरता बड़ा रहे होंगे। आइए जानते हैं इनके उदय होने के समय के बारे में।
सूर्यास्त के बाद नजर आने वाले ग्रह
शनि ग्रह–सूर्य अस्त भी नही हुआ होगा और शनि पूरब के आसमान में उदय हो चुका होगा और ज्यों ज्यों अंधेरा गहराने लगेगा, शनि की चमक बड़ती चली जाएगी और देर रात तक इसे देखा जा सकेगा।
बृहस्पति–सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति शाम ढलत ही उदय हो जाएगा। इसकी चमक शनि से अधिक नजर आयेगी, तारों की रंगत को फीका करते प्रतीत होगी। बृहस्पति वास्तव में अनोखी चमक के साथ तारों का गुरु ही नजर आयेगा और पूरी रात आसमान में नजर आयेगा।
बुध–सूर्य की रोशनी में नहाए रहने वाले बुध को शाम के समय देख पाना संभव हो पाएगा। मगर इसे देखने के लिए एक छोटी दूरबीन की ज़रूरत पड़ेगी। यह काफी छोटा होने के साथ सूर्य के करीब होने के कारण इसकी पहचान आसन नहीं होती।
मंगल–लाल ग्रह यानी मंगल से रूबरू होना भला कौन न चाहेगा। क्योंकि यही वह प्लेनेट है, जिस पर मानव अपना अगला घर बसाने का सपना सजोए हुए है। यह ग्रह रात दस बजे बाद नजर आयेगा। लाल रंग में रंगा हुआ। जिसे आसानी से पहचाना जा सकेगा। इसके लाल रंग में नजर आने की वजह इसकी भूमि है, जो लाल रंग की है। यह ग्रह काफी हद तक पृथ्वी की समानताएं लिए हुए है। जिस कारण इस ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को तलाशने के साथ रहने योग्य बनाने की जुगत में वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। वही आम इंसान भी इस ग्रह के बारे में अधिक से अधिक जानने की जिज्ञासा रखता है। इसलिए यह ग्रह सार्वाधिक लोकप्रिय बन बन गया है। इसलिए इस ग्रह पर सबकी नजर रहेगी और इसे सार्वाधिक करीब देखने का मौका आठ दिसंबर को होगा।
भोर का आसमान भी होगा हसीन
शुक्र–वीनस यानी शुक्र ग्रह। जिसके कहानी किस्से और कविताएं दुनियाभर में महसूर हैं। अब जब मानसून की विदाई अगले कुछ दिन बाद शुरू होने वाली और पिछले तीन महीनों से छाया आसमान से बादलों का डेरा छट जाएगा। ऐसे में वीनस की खूबसूरती आसमान में चार चांद लगाती महसूस होगी। सूर्योदय से पहले इसे अलग छटा के साथ असमान में चमकता हुआ नजर आयेगा। इसकी सुंदरता देखने लायक होगी और आसमान के दीवानों के लिए उनकी सुबह हसीन हो जाएगी। वीनस को सुबह के समय देख पाने का मौका कुछ ही दिन रहने वाला है। इसके बाद 22 अक्टूबर से यह शाम के समय नजर आने लगेगा।
26 सितंबर को बृहस्पति हमारे सबसे करीब
आकाशीय दृष्टि से सितंबर का महीना बेहद खास होता है। मानसून छट चुका होता है और धुला हुआ आसमान नहाया हुआ होता है। दिन के समय अपने आसमानी रंग में खिला हुआ बेपनाह हसीन नजर आता है तो रातों को टिमटिमाते तारों को खुद में समेटे अनोखी छठा बिखेरता प्रतीत होता है। यही वजह है कि आसमान के प्रति प्रेम रखने वालों को इस माह का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बीच हमारे सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति हमारे सार्वाधिक करीब होगा तो इसे निहारने का मजा ही कुछ और होगा। 26 सितंबर को बृहस्पति हमारे सबसे ज्यादा नजदीक होगा।
सूर्य अस्त हो रहा होगा और बृहस्पति उदय हो रहा होगा
26 सितंबर की शाम इस वर्ष की संध्या बेहद खास होने जा रही है। पश्चिम के आसमान में सूर्य अस्त हो रहा होगा तो ठीक इसके विपरित दिशा में बृहस्पति उदय हो रहा होगा । यह नजारा बेहद दर्शनीय होगा। आसमान की इस सुंदरता का गवाह बनने के लिए खगोल प्रेमी पूरी दुनिया में चप्पे चप्पे में तैनात होंगे। इस खगोलीय घटना को एक साथ निहारने के लिए हमे सही जगह पर मौजूद होना जरूरी है। इसके लिए हमे ऐसी जगह पर मौजूद रहना होगा, जहा से एक ओर पूरब तो दूसरी ओर पश्चिम नजर आता हो। जगह का चयन गलत होने से अक्सर लोग खगोलीय घटनाओं को देख पाने से वंचित रह जाते हैं और निराश होना पड़ता है।
श्रोत : वेदशाला एरीज नैनीताल।