उत्तराखण्ड
पुलिस महकमे में तीन वर्ष से अधिक लंबित विवेचनाएं होंगी अस्वीकार्य : मुरुगेशन
सीएन, हल्द्वानी। उत्तराखंड के एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था डॉ. वी. मुरुगेशन ने अपराधों की समीक्षा की। उन्होंने अफसरों को सख्त निर्देश दिए। कहा कि“तीन वर्ष से अधिक लंबित विवेचनाएं अस्वीकार्य” होगी। ऐसे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कहा कि सभी अधिकारी फील्ड में सक्रिय रहें, हर गंभीर अपराध की मॉनिटरिंग स्वयं करें।
एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखंड डॉ. वी. मुरुगेशन ने आज बहुउद्देशीय भवन, हल्द्वानी में नैनीताल एवं उधमसिंहनगर जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों सहित सभी राजपत्रित अधिकारियों के साथ विस्तृत अपराध समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं परिक्षेत्र नैनीताल श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, सुनील कुमार मीणा आईजी एससीआरबी व सीसीटीएनएस उत्तराखंड, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उधमसिंहनगर मणिकांत मिश्रा सहित दोनों जिलों के समस्त क्षेत्राधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के प्रारंभ में उधमसिंहनगर व नैनीताल जनपद के अपराध नियंत्रण एवं विवेचना कार्यों की गुणवत्ता का गहन मूल्यांकन किया। बैठक में एडीजी मुरुगेशन ने कई निर्देश दिए। कहा कि महिला अपराधों विशेषकर महिला अपहरण एवं दुष्कर्म के मामलों में त्वरित अनावरण कर आरोपियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें। चोरी, नकबजनी एवं लूट-डकैती के मामलों में 100 प्रतिशत रिकवरी सुनिश्चित की जाए। साथ ही थाना खटीमा व नानकमत्ता के थानाध्यक्षों को केस वर्कआउट व रिकवरी के मामलों में शिथिलता पर कड़ी चेतावनी दी गई। वाहन चोरी, बलात्कार और एनडीपीएस एक्ट से जुड़े मामलों में कठोर एवं प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए गए। तीन वर्ष से अधिक लंबित विवेचनाओं पर गंभीर फटकार लगाते हुए, सभी पार्ट पेंडिंग मामलों का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए गए। अवैध नशे की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ने के लिए कमर्शियल मात्रा में बरामदगी बढ़ाने और एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। साइबर अपराधों में 1930 हेल्पलाइन की सक्रियता बढ़ाने, पीड़ितों की संपत्ति रिकवरी सुनिश्चित करने और तकनीकी जांच को सशक्त करने के निर्देश दिए गए। पार्ट पेंडिंग विवेचनाओं का शीघ्र निस्तारण करें। इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु टीमें गठित करें, कुशल रणनीति बनाकर गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। अज्ञात महिला शवों की शिनाख्त कार्यवाही करें, फिंगर प्रिंट, संबंधित पोर्टलों के डाटा अंकन व अन्य प्रक्रियाओं को पूर्ण कराएं। सभी अधिकारियों को विवेचनात्मक कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही तय करने, तथा अधीनस्थों की कार्यप्रणाली का नियमित मूल्यांकन करने के निर्देश दिए गए। एडीजी वी. मुरुगेशन ने कहा कि अपराध नियंत्रण और विवेचनाओं की गुणवत्ता पुलिस की साख का आधार* है। अधिकारी अपने क्षेत्र में सक्रियता, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कार्य करें। तीन वर्ष से अधिक लंबित विवेचनाएं अस्वीकार्य* हैं। इन्हें तत्काल निस्तारित किया जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई तय की जाएगी। प्रत्येक क्षेत्राधिकारी अपनी विवेचना टीम की कार्यक्षमता का नियमित मूल्यांकन करें। लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।तकनीक के साथ पारदर्शी पुलिसिंग की ओर कदम आगे बढाए। गोष्ठी के उपरांत सुनील कुमार मीणा, पुलिस महानिरीक्षक,सीसीटीएनएस, एससीआरबी देहरादून द्वारा, नैनीताल एवं उधमसिंहनगर जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों सहित सभी राजपत्रित अधिकारियों के साथ पोर्टल के अंतर्गत की जा रही कार्यवाही की समीक्षा* की गई।
बैठक के दौरान श्री मीणा द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक क्षेत्राधिकारी प्रतिदिन पोर्टल की स्थिति की जाँच कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। सभी अधिकारी CCTNS व ICJS पोर्टल का संचालन कुशलता से सीखें ताकि मौके पर उपलब्ध सूचनाओं का त्वरित उपयोग हो सके।.बैठक में रिद्धिम अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं परिक्षेत्र नैनीताल, प्रहलाद नारायण मीणा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल, मणिकांत मिश्रा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उधमसिंहनगर, अभय कुमार सिंह पुलिस अधीक्षक काशीपुर, पुलिस अधीक्षक सिटी हल्द्वानी प्रकाश चंद्र, श्रीमती दीपशिखा अग्रवाल क्षेत्राधिकारी लालकुआ, सुमित पांडेय क्षेत्राधिकारी रामनगर, अमित कुमार क्षेत्राधिकारी नैनीताल, प्रशान्त कुमार, क्षेत्राधिकारी रूद्रपुर, दीपक सिंह, क्षेत्राधिकारी काशीपुर, डी0आर0 वर्मा, क्षेत्राधिकारी पन्तनगर, भूपेन्द्र सिंह धौनी क्षेत्राधिकारी सितारगंज, विमल कुमार, क्षेत्राधिकारी खटीमा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
