उत्तराखण्ड
क्या हरीश रावत को हराने के लिए सक्रिय थे कई ग्रुप
लालकुआं सीट पर की गयी माथापच्ची के बाद कुछ इस तरह बन रही है तस्वीर
लालकुआं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 संपन्न हो जाने के बाद कांग्रेस और भाजपा के लालकुआं सीट के प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर गुणा भाग के चक्कर में पड़ गए हैं, विभिन्न विधानसभा सीटों में भीतरघात को लेकर चुनाव समीकरण गड़बड़ाने की सूचनाएं मिल रही है, बात करें वीआईपी सीट लालकुआं की तो यहां से उत्तराखंड कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव मैदान में है, कांग्रेस पार्टी में कई गुट होने के चलते हरीश रावत को हराने के लिए कई ग्रुप सक्रिय थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि विरोधी अपने मंसूबों में कितने कामयाब हुए होंगे यह चुनाव परिणाम बताएगा। क्षेत्र में चर्चा थी कि इस बार भी कंटर बांधने की साजिश तेजी से फल-फूल रही है। वही बात करें भाजपा प्रत्याशी मोहन बिष्ट की तो उनके खिलाफ भी कंटर बांधो गिरोह सक्रिय था, उनका प्रभाव कितना कारगर रहा यह तो 10 मार्च का दिन बताएगा, बाहरहाल मोहन बिष्ट ने केवल अपनी टीम पर भरोसा करते हुए यह चुनाव लड़ा है। सैनिक परिवारों में मोदी लहर देखी जा रही थी तो कई परिवार विधानसभा क्षेत्र के चौमुखी विकास के लिए हरीश रावत को वोट देने की बात कह रहे थे। आगामी 10 मार्च तक लालकुआं विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों एवं उनके प्रबल समर्थकों के जेहन में हार जीत के समीकरणों के उतार-चढ़ाव को लेकर चिंता तो बनी ही रहेगी, तथा प्रतिद्वंद्वियों एवं उनके चहेतों को लेकर भी शक बना रह सकता है, जैसे ही चुनाव परिणाम निकलेगा बूथों में पड़े मतों की गणना के हिसाब से तमाम प्रतिद्वंद्वियों एवं उनके चहेतों की कलई भी खुल जाएगी। लालकुआं विधानसभा सीट में एक लाख 20 हजार 551 वोटों में से 86 हजार 877 वोट पड़े हैं, जिसमें गौलापार चोरगलिया क्षेत्र में 23 हजार 757 मतों में से 17 हजार 678 वोट पड़े हैं। वही बरेली रोड क्षेत्र में 45 हजार 765 मतों में से 32 हजार 809 वोट पड़े हैं, लालकुआं क्षेत्र में 17 हजार 543 वोटों में से 10 हजार 343 वोट पड़े हैं। वही बिंदुखत्ता क्षेत्र में 33 हजार 486 मतों में से 26 हजार 7 वोट पड़े हैं। निर्वाचन विभाग द्वारा लालकुआं विधानसभा क्षेत्र के 142 बूथों को 6 जोन एवं 16 सेक्टरों में विभक्त किया गया था, मतदान के दिन पत्रकारों ने विभिन्न क्षेत्रों में घूम घूम कर क्षेत्रवासियों से काफी बातचीत की, जिसमें अंदाजा लगाया जा रहा है कि बरेली रोड क्षेत्र लालकुआं सीट की हार जीत में निर्णायक साबित होने जा रहा है। आगामी 10 मार्च को चुनाव परिणाम होने तक इस सीट में प्रत्याशियों की हार-जीत को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहेगा। तथा लोग अपने प्रत्याशियों के पक्ष में शर्त एवं सट्टे भी लगा रहे हैं। कुल मिलाकर किसी भी दल का प्रत्याशी एवं निर्दलीय प्रत्याशी अभी अपने आप को कम आंकने को तैयार नहीं है, तथा विजई होने के बाद लालकुआं विधानसभा क्षेत्र का चौमुखी विकास के दावे कर रहा हैं। परंतु असंतोष तो एवं भीतर घातियों से सभी दल एवं प्रत्याशी जूझ रहे हैं, जिसके चलते लालकुआं विधानसभा सीट का परिणाम कुछ भी हो सकता है, इसके लिए अभी से सभी दलों के प्रत्याशियों एवं समर्थकों को अपना मन बनाना पड़ेगा।
पहाड़ वार्ता से साभार