उत्तराखण्ड
नेपाल में पर्यटन की नये संभावनाओं को तलाश रहा नैनीताल का वाईटीडीओ
संस्थापक वीएमएस खाती को नेपाल में मिला फेयरवेस्ट ट्रेवल मार्ट.2022 सम्मान
सीएन, नैनीताल। सुप्रसिद्ध पर्यटन संस्था वाईटीडीओ के संस्थापक विजय मोहन सिंह खाती को नेपाल में फेयरवेस्ट ट्रेवल मार्ट-2022 सम्मान से नवाजे गये हैं। पड़ोसी देश नेपाल द्वारा उनको सम्मानित किए जाने से तमाम पर्यटन प्रेमी गदगद हैं। खास बात यह है कि सालों से नेपाल टूर करवाते आ रही पर्यटन संस्था अब नेपाल में पर्यटन की नई सम्भावनाओं को तलाश रही है, जिसमें सबसे अहम प्रथम बार होने जा रहा मुक्तिनाथ टूर शामिल है। उल्लेखनीय है नैनीताल निवासी वीएमएस खाती ने पर्यटन को जो नए आयाम दिए हैं, उसकी बदौलत आज वाईटीडीओ टूर संपूर्ण प्रदेश में सर्वाधिक चर्चा में रहता है। जहां तक नेपाल भ्रमण का संबंध है उसमें खाती का कहना है कि वह विगत 40 वर्षों से नेपाल यात्रा कराते आ रहे हैं। जिस कारण है कि नेपाल में पर्यटन को बढ़ावा देने में उनका भी योगदान रहा है। उनके इसी प्रयास के लिए नेपाल में उन्हें सम्मानित किया गया है। श्री खाती का कहना है कि नेपाल अपने सौन्दर्य और संस्कृति के कारण उन्हें प्रारम्भ से ही आकर्षित करता आया है। नेपाल में पर्यटन के और विकास की बहुत सी सम्भावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि पहले जो टूर 12 दिन का होता था अब वह 8 दिन का हो गया है। धनगढ़ी से कई हवाई सेवाएं हैं। पहले काठमांडू पहुंचने में दो से तीन दिन तक लग जाते थे। अब धनगढ़ी से काठमाण्डू मुश्किल से एक घंटे का रास्ता है। श्री खाती का कहना है कि नेपाल पर्यटन के क्षेत्र में अपने को तेजी से बदल रहा है। लोगों ने इस क्षेत्र में बड़े-बड़े इन्वेस्टमेंट किए हैं। यहां के पूर्वी भाग में स्थित जनकपुर ऐसी जगह हैं, जहां कोई नहीं जाता था। पर अब इसे काठमाण्डू टूर के साथ जोड़ दिया गया है। भारत की तुलना में वहां की हवाई सेवाओं को बहुत बेहतर कहा जा सकता है। वीएमएस खाते बताते हैं उन्हें सितम्बर का वह वाकया आज भी याद है, जब घनघोर वर्षा और आंधी-तूफान के बावजूद वे लोग हवाई सेवा द्वारा धनगढ़ी से काठमाण्डू पहुंचे थे। फिलहाल एडीबी के कारण नेपाल की सड़कें भी अब बेहतर हो गई हैं। उनका कहना है कि काठमाण्डू के आस—पास अब गरीबी घटती हुई दिखती है। वहां बड़े-बड़े बांध बन रहे हैं। कई तरह के निर्माणों में वहां के स्थानीय लोग रोजगार पा रहे हैं। वीएमस खाती ने बताया कि इन दिनों वह मुक्तिनाथ के प्रचार—प्रसार में लगे हैं। मुस्तान जिले में स्थित मुक्तिनाथ 13,200 फीट की ऊंचाई पर है। यह लेह-लद्दाख सा खूबसूरत है। वहां के अधिकांश निवासी तिब्बती शरणार्थी हैं। उनके एक मित्र पेमा गेकिल सिथर का बचपन वहीं गुजरा है। वहां शालीमार पत्थर मिलता है, मन्दिर की विष्णु प्रतिमा इसी पत्थर से बनी है। बौद्ध लोगों में भी इस मन्दिर की मान्यता है। यहां तक कि इस मन्दिर का एक पुजारी भी बौद्ध हैं।उन्होंने बताया कि मुक्तिनाथ टूर ले जाने का यह उनका प्रथम प्रयास होगा। उन्हें उम्मीद है कि यह लोगों को बहुत पसंद आयेगा।