उत्तराखण्ड
खामोश मतदाता की नब्ज नही टटोल पा रहे सियासतदां
मतदान को लेकर कांग्रेस व भाजपा के लोग बता रहे अपना पक्ष मजबूत
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। विधान सभा चुनाव में नैनीताल जिले से कांग्रेस व भाजपा ने चुनाव के अंतिम समय तक वोटरों को अपने पक्ष में करने की पूरी ताकत झौंक दी थी। लेकिन इस बार ताकत झौंकने के बाद भी मतदान का प्रतिशत गिरने व मतदाता की खामोशी से कांग्रेस व भाजपा दोनों सकते में हैं। हालांकि कई विधान सभाओं में ठीक-ठाक मतदान हुआ। कम मतदान व ज्यादा मतदान को भी कांग्रेस व भाजपा के लोग अपने पक्ष में मजबूत बता रहे हैं। नैनीताल जिले की कई विधानसभाओं में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। इससे भी कांग्रेस व भाजपा सकते में है। लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच ही रहा। सच यह है कि सियासतदां भी अंतिम समय तक खामोश मतदाता की नब्ज नही टटोल पा रहे हैं। दोनों खेमों में में बैचेनी जैसे हालात है। कम व ज्यादा मतदान को लेकर कांग्रेस व भाजपा खेमे के लोग अपना पक्ष मजबूत बता रहे है। इन चुनावों में खास बात यह रही कि हर चुनावों की तरह राष्ट्रीय मुद्दों का ग्रामीण क्षेत्रों में खास असर नही देखा गया। पानी-बिजली व अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए लोगों ने खुलेआम आवाज उठाई। अंतिम समय तक दोनों दलों में कांटे की टक्कर दिखाई दी। कई स्थानों में कांग्रेस बढ़त में दिखाई दे रही थी तो कई स्थानों में भाजपा आगे दिखाई दे रही थी। जहां कांग्रेस उत्तराखंड स्तर के मुद्दों को भी खूब हवा दी। इस जिले में आखरी वक्त तक कांग्रेस व भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला दिखाई दे रहा था। अंतिम समय तक कांग्रेस व भाजपा में सीधा मुकाबला रहा। खामोश मतदाता ने किसके भाग्य का फैसला किया है यह तो मतगणना के बाद ही पता चल पायेगा। लेकिन 10 मार्च तक भाजपा व कांग्रेस के लोगों की बैचेनी बनी रहेगी। इन दिनों अब बूथ एजेंटों की सूचनाओं को लेकर दोनों दलों के रणनीतिकार हार-जीत का गुणा-भाग लगाने में व्यस्त हो गये हैं। लेकिन खामोश मतदाता ने इस बार क्या किया है इस पर बैचेनी बनी रहेगी। कांग्रेस को अपने परम्परागत व हरीश रावत के प्रबंधन पर पूरा भरोसा है कि इस बार भी मतदाता ने 2012 के चुनाव की तरह कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया है। कांग्रेस नैनीताल जिले में परचम लहरा रही है। जबकि भाजपा को मोदी मैजिक का पूरा भरोसा है कि भाजपा 2017 के चुनावों की तरह 2022 में परचम लहरा रही है। अब मतदाताओं ने कई प्रत्याशियों में से एक-एक प्रत्याशी के भाग्य का फैसला कर दिया हैं 10 मार्च को ईबीएम के खुलने के बाद ही इसका पता चल पायेगा।