उत्तराखण्ड
10 हजार रुपया प्रतिमाह वेतन से काटकर नगर आयुक्त नगर निगम काशीपुर की ओर से ऋषिकेश में जमा करने के आदेश
सीएन, ऋषिकेश। नगर पालिका परिषद ऋषिकेश में वर्ष 2013-14 में एक सड़क मरम्मत से जुड़े टेंडर में अनियमितता में तत्कालीन लेखाकार व प्रभारी अधिशासी अधिकारी को दोषी माना गया है। इस मामले में निदेशक शहरी विकास ने नगर निगम ऋषिकेश के नगर आयुक्त को दोषी से रुपया वसूल करने के आदेश जारी किए हैं।
निदेशक शहरी विकास ललित मोहन रयाल ने बताया कि नगर पालिका परिषद ऋषिकेश में वर्ष 2013-14 में रिलायंस जिओ इंफोकाम लिमिटेड की ओर से काटी गई सड़कों की मरम्मत के लिए 83,44,189 रुपये जमा की गई थी। जिसके सापेक्ष 46,65,191 रुपया एस्टीमेट का टेंडर आमंत्रित किया गया। लेकिन 73,63,000 रुपये का कार्य संपन्न कराया गया। जोकि सामान्य स्थिति में उचित नहीं है। टेंडर में वेरिएशन 10 प्रतिशत से अधिक 62.57 प्रतिशत होने की दशा में फिर से निविदा आमंत्रित की जानी चाहिए थी, जो नहीं की गई। निविदा एक स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित कराई गई। जिसके लिए पांच दिन का समय दिया गया। जबकि नियमावली के अनुसार अत्यधिक प्रसार वाले दो समाचार पत्रों में न्यूनतम दो से तीन सप्ताह की अवधि के साथ निविदा सूचना प्रकाशित होनी चाहिए थी।
निदेशक शहरी विकास ने बताया कि इस मामले में उच्च न्यायालय नैनीताल ने भी संज्ञान लिया और विभागीय जांच में दोषी अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश पारित किए गए थे। यह माना गया कि नगर पालिका परिषद ऋषिकेश में कार्यरत तत्कालीन कार्यवाहक लेखाकार शिवेंद्र सिंह खनायत जो प्रभारी अधिशासी अधिकारी का कार्य भी कर रहे थे, इन्होंने 26,97,809 रुपया अतिरिक्त अनियमित भुगतान करके शासकीय क्षति पहुंचाई। जिसकी वसूली छह लाख 60 माह किस्तों में 10,000 रुपया प्रतिमाह वेतन से काटकर नगर आयुक्त नगर निगम काशीपुर की ओर से नगर निगम ऋषिकेश में जमा कराए जाएंगे। शेष धनराशि 20,97,809 की वसूली नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश, भू राजस्व की प्राप्ति संबंधित दोषी की तरह तत्कालीन कार्यवाहक लेखाकार व अधिशासी अधिकारी शिवेंद्र सिंह खनायत से करेंगे। इस संबंध में 29 अप्रैल को आदेश जारी कर दिए गए हैं।