उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में सियासत का पारा चढ़ा, अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग
सीएन, देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों सियासत का पारा चढ़ा हुआ है। ठंड के मौसम में भी राजनीतिक माहौल पूरी तरह गर्म नजर आ रहा है। राजनीतिक दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी बीच यमकेश्वर की पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आरती गौड़ ने अपना इस्तीफा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को संबोधित करते हुए भेजा है, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर भी साझा किया है। इस्तीफे में उन्होंने अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक सरकार इस मामले की सीबीआई जांच नहीं कराती, तब तक वह अपने इस्तीफे के फैसले पर अडिग रहेंगी। दरअसल, पूर्व विधायक सुरेश राठौर और उनकी कथित पत्नी उर्मिला के बीच चल रहे विवाद की आंच अब पूरे प्रदेश में फैलती नजर आ रही है। इस विवाद के चलते अंकिता हत्याकांड का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। विवाद की गूंज यमकेश्वर तहसील तक पहुंच गई, जहां पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया। आरती गौड़ ने आरोप लगाया कि उर्मिला द्वारा उन पर अंकिता हत्याकांड में रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवाने और देह व्यापार से जुड़े गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ एक सोची-समझी साजिश के तहत उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। आरती ने स्पष्ट किया कि वह पहले भी सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग उठा चुकी हैं।उन्होंने कहा कि इसके बावजूद सरकार न तो सीबीआई जांच के आदेश दे रही है और न ही आरोप लगाने वालों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई कर रही है। इसी से आहत होकर उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। आरती गौड़ ने दोहराया कि जब तक अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच नहीं होती, वह अपने निर्णय पर कायम रहेंगी।





























