उत्तराखण्ड
हरदा कांग्रेस के लीडर नहीं महज एक उम्मीदवार-फर्त्याल
सीएन, देहरादून। उत्तराखंड मे मतदान के बाद अब सभी दल बेसबरी से रिज़ल्ट का इंतज़ार कर रहे हैं। सभी दल अपनी-अपनी संभावित सीटों के गुणा गणित में जुटे हैं। वहीं आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है । वहीं लोहाघाट से विधायक और बीजेपी उम्मीदवार पूरन फर्त्याल ने हरीश रावत पर जमकर हमला बोला है । उन्होने कहा है की मैं हरीश रावत को ज़्यादा महत्व नहीं देता क्योंकी हरीश रावत ने विधानसभा चुनाव 2022 मे अपनी भूमिका एक उम्मीदवार के तौर पर निभाई न की लीडर के तौर पर। फरत्याल का ये भी कहना है की हरीश रावत हर वक्त पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने की बात करते हैं लेकिन वो खुद पहाड़ों से पलायन करके तराई चले गए। जबकि पहाड़ से वो संसद बने। आगे फरत्याल का कहना है की हरीश रावत का हर वक्त पलायन पलायन करना गले नहीं उतरता वो पहले अपना पलायन रोकें बाद मे उत्तराखंड की बात करें। पहाड़ के लोगों ने हरीश रावत को कई बार जिताया लेकिन पहाड़ के लोगों को धोखा देने के अलावा हरदा ने कुछ नहीं दिया। आज हरदा की हिम्मत नहीं है की पहाड़ मे आकर चुनाव लड़ सकें। लोहाघाट से विधायक और बीजेपी उम्मीदवार पुरन फरत्याल का कहना है की हरीश रावत उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने के ख्वाब देख रहे हैं जबकि उत्तराखंड कांग्रेस मे उन्होने अपनी और अपनी लड़की के लिए चुनाव मे प्रसार प्रचार किया । आगे फरत्याल ने कहा मैं उन्हे उत्तराखंड का नेता ही नहीं मानता।
वहीं इस पूरे मामले पर कांग्रेस मुखर हो गई है कांग्रेस का कहना है की फरत्याल जी से किसने कहा है की वो हरीश रावत को नेता माने ? पूरन फरत्याल के तराई पलायन करने वाले बयान पर कांग्रेस ने सफाई मे कहा है की हरिद्वार भी उत्तराखंड का ही हिस्सा है अगर नहीं है तो फरत्याल इसे साबित कर दे की हरिद्वार उत्तराखंड का हिस्सा नहीं है। वहीं कांग्रेस ने धामी का उदाहरण देते हुए सफाई मे कहा की हरीश रावत पर सवाल उठाने वाले पहले सीएम धामी को देखें जो खटीमा सीट नहीं छोड़ पाये और हरीश रावत के प्रचार न करने के मुद्दे पर कांग्रेस का कहना है की कोरोनाकाल के कारण हरदा ज़्यादा क्षेत्रों मे नहीं घूम पाये लेकिन फिर भी उनकी कोशिश थी की वो अधिक से अधिक सीटों पर प्रत्याशियों का प्रचार कर सकें। जबकि बीजेपी के तो किसी नेता ने क्षेत्रों मे निकलकर भी नहीं देखा न ही प्रचार किया