उत्तराखण्ड
नौ नवम्बर 2000 को उत्तराखंड में जो सवाल अनसुलझे थे, पच्चीस वर्षों बाद भी कोई समाधान नही
सीएन, अल्मोड़ा। सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा राज्य स्थापना के 25 वर्ष पर उत्तराखण्ड लोक वाहिनी ने उत्तराखण्ड़ राज्य के पच्चीस वर्ष.पर एक संगोष्ठी आयोजित की ,गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि नौ नवम्बर 2000 को उत्तराखंड में जो सवाल अनसुलझे रहे थे , पच्चीस वर्षों में उनका हमारी सरकारे कोई समाधान नहीं खोज पाई , शिक्षा ,स्वास्थ्य ,पर्यावरण ,राजधानी , उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड़ के बीच परिसम्पत्तियों का निस्तारण अब तक नही हो पाया है जिसके कारण पहाड़ो से बड़ी संख्या में पलायन हो चुका है जमीनें बंजर हो गई है । बन्दर व सुवर तथा हिंसक पशुओ नें लोगों का जीना दूभर कर दिया है ।उ.लो. वा. नेताओ ने कहा कि पहाड़ के विधायकों ने पहाड़ को केवल चुनाव जीतने का माध्यम बना दिया । यही नहीं बड़ी संख्या मे बाहरी पूंजीपतियों व नेताओं ने पहाड़ को केवल औपनिवेशिक शोषण व ऐशगाह बना दिया है। जमीनों की खरीद फरोख्त हो रही है, लोग निजि रिसोर्ट बना रहे है इसका पर्यटन ब्यावसाय को भी लाभ नही मिल रहा है । प्रदेश में बनने वाले अब तक के किसी भी मख्यमन्त्री ने पहाड़ों मे रोजगार के कोई विशेष अवसर पैदा नही किये । पूर्व में स्थापित फैक्ट्रियों को भी बन्द कर दिया है ,अब अल्मोड़ा जनपद के मोहान में लाभ कमा रही ,आयुर्वेदिक फैक्ट्री को भी निजी हाथों में सौपा जा रहा है ।वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का मूल निवास , स्थाई निवास पर अब तक कोई नीतिगत निर्णय नही हुए हैं , पहाड़ों के विधायक व सांसद निधि तक नही बाट पा रहे है । एड. जगत रौतेला की अध्यक्षता में आयोजित इस संगोष्ठी मे अध्यक्षता करते हुए एड. जगत रौतेला ने कहा कि पहाड़ों में बड़ी तेजी से आबादी घटी है तो वही मैदान के तीन जनपदों मे बेतहासा आबादी बड़ गई है ,उत्तराखण्ड़ के संसाधनों में राज्य के मौलिक बसावटो को लाभ नही मिल पा रहा है ।सारी मलाई बाहर से आ गई आबादी गटग जा रही है राज्य में आजादी के समय से रह रहे लोग अल्पसंख्यक , एस टी, एस सी , व ओ बी सी वर्ग के लोगों को मिल रहा आरक्षण भी राज्य के बाहर के लोग गटक जा रहे है । अजयमित्र विष्ट नेे कहा कि हमारी सरकारें निष्पक्ष रूप से प्रतियोगी परीक्षाएं तक नही करा पा रही है । संचालन करते हुए दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि राज्य बनने के बाद गांव गांव में सड़को का जाल बिछा है , पर लोग गांवो में नही है । जंगबहादुर थापा , व बिशन दत्त जोशी ने कहा कि इन पच्चीस सालों में प्रमुुख राज्य आन्दोलनकारियों को चिन्हित नहीं किया जा सका , राज्य आन्दोलन में बड़ी संख्या में पत्रकार , व्यवसायी,शिक्षक व कर्मचारियो छात्रों व नौजवानों की बड़ी भूमिका है , पर राज्य सरकारे इन आन्दोलनकाारियों को चिन्हित तक नही करा पाई है। राज्य के युवा नशे की गिरफ्त में जा रहे है। अन्त में आन्दोलन मे शहीद हो गये शहीदो के साथ ही राज्य.आन्दोलन को मुकाम तक पहुचाने वाले डा शंमशेर सिंह बिष्ट समेत तमाम आन्दोलनकारियों को श्रद्धान्जली दी । उत्तराखंड के 25 साल पूरे होने पर उत्तराखंड लोक वाहिनी जनमत संकलन अभियान भी चलाएगी जिसमें उत्तराखंड के 25 वर्षों के सफर पर जनमानस से प्रतिक्रिया ली जाएगी । बैठक में रेवती बिष्ट ,जंग बहादुर थापा,अजय मेहता आदि उपस्थित रहे।

























































