उत्तराखण्ड
उत्तराखंड राज्य में हो रहा है सत्ता परिवर्तन : आचार्य नितेश
इससे पहले भी ज्योतिषाचार्य नितेश कर चुके हैं कई सटीक भविष्यवाणियां
सीएन, देहरादून/नैनीताल। राज्य में किस दल की सरकार बनेगी इसको लेकर सियासी दलों, मीडिया संस्थानों के सर्वे के साथ ही राजनीतिक प्रेक्षक गुणा भाग में जुट गए हैं। जहां मुख्यधारा के दोनों दल भाजपा और कांग्रेस अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं तो दूसरी ओर मीडिया संस्थानों व चुनाव सर्वे एजेंसियां भी किसी एक दल की सरकार बनाने की ओर इशारा करते नहीं दिख रहे हैं ऐसे में भारत की प्राचीन विद्या ज्योतिष पर नजरें टिक गई है। आइए जानते हैं ज्योतिषियों का नई सरकार गठन के संदर्भ में उनके अध्ययन के बाद निकला निष्कर्ष और इसके पीछे कारण क्या हैं। आचार्य नितेश बौड़ाई ने ग्रह गोचर का अध्ययन कर जो तथ्य सामने रखे हैं उसके अनुसार राज्य में सत्ता परिवर्तन हो रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले भी ज्योतिषाचार्य नितेश कई सटीक भविष्यवाणियां कर चुके हैं।आचार्य नितेश के मुताबिक 2012 जैसी ही तस्वीर उभर कर सामने आ रही हैं उनका मानना है कि कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर सरकार बनाने की स्थिति में रहेगी। नितेश बताते हैं कि सोमवार 14 फरवरी पुनर्वसु नक्षत्र कर्क राशि में चंद्रमा रहेगा कर्क राशि और सिंह चर राशि है पृष्ठ उदय व स्त्री कारक है। 2012 में चुनाव 30 जनवरी को संपन्न हुआ था दिन सोमवार अश्विनी नक्षत्र मेष राशि मेष सत्संग एक राशि है। इस बार कर्क राशि का चंद्रमा महिला मतदाताओं को प्रभावित करेगा अर्थात महिला मतदाता निर्णायक भूमिका में रहेगी तथा लग्न कुंडली में चंद्रमा चतुर्थ भाव में राहु तथा चतुर्थ भाव का स्वामी छठे भाव में है जिसके चलते कई विधानसभा सीटों पर चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिल सकते हैं जहां महिला मतदाता अधिक संख्या में है। उत्तराखंड की कुंडली में बुध की दशा 7 मई 2022 तक है। बुध उत्तराखंड की कुंडली भाव का स्वामी है जो चुनाव के समय बारहवें भाव में है। आचार्य नितेश बताते हैं कि कई बड़े मंत्रियों तथा पक्ष-विपक्ष के बड़े चेहरों को इस चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ सकता है वे कहते हैं कि 2017 के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी को बहुत कम सीटें प्राप्त होती दिख रही हैं। मुख्यमंत्री के बारे में वे कहते हैं कि ऐसा चेहरा मुख्यमंत्री का हो सकता जिसका नाम बहुत कम चर्चाओं में रहा होगा वह मेष राशि या मकर राशि का हो सकता है। राजनीति नाटकीय घटनाक्रमों का खेल है यहां कभी भी कुछ घटित हो सकता है ऐसे में पूर्वानुमान लगा कर सरकार के बनने और बिगड़ने का समीकरण तय नहीं किया जा सकता है।