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उत्तराखण्ड

विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने देशबोध के डिजिटल संस्करण का किया विमोचन

प्रदेश के विकास में असाधारण योगदान देने वाले 23 महानुभाव को किया सम्मानित
सीएन, देहरादून।
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु भूषण खंडूड़ी ने कहा है कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ इसके ऐतिहासिक योगदान के कारण कहा जाता है। यदि यह न हो तो विचार और प्रयास स्थानीय बनकर रह जाते हैं। मीडिया इनके प्रचार और प्रसार से जनमत और वातावरण बनाता है। इससे बड़े-बड़े परिवर्तन संभव हो पाये हैं। खंडूड़ी आज यहां नगर निगम के सेठ जुगमंदर हॉल में राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र ‘देशबोध’ के डिजिटल संस्करण के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि थी। इस अवसर पर राज्य अभिलेखागार ने उत्तराखंड के पुराने समाचार पत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई। श्रीमती खंडूड़ी ने अपने कथन की पुष्टि में फ्रैंच आंदोलन और आजादी के आंदोलन से लेकर उत्तरांखड में चिपको आंदोलन, उत्तरांखड राज्य आंदोलन, अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन आदि का उदाहरण देते हुए कहा कि मीडिया इनमें योगदान न देता तो ये सब स्थान विशेष तक सीमित रह जाते और इनका वह प्रभाव और परिणाम न होता जो हुआ। उन्होंने समय के साथ मीडिया में खबरें परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब मीडिया के अनेक प्रकार है लेकिन प्रिंट मीडिया का महत्व कभी कम नहीं होगा। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित ऐतिहासिक पत्र- पत्रिकाओं के प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा कि इन्ही से हमें 1951 के इन्फ्लूएंजा के प्रकोप की जीवंत जानकारी ज्ञात होती है। इस तरह यें रिपोर्टें एक इतिहास हैं। श्रीमती खंडूड़ी ने पत्रकारों से अपील की कि वे शासन पर निगरानी और समालोचना का अपना कर्तव्य जरूर निंभायें लेकिन सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों और कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाने का भी ध्यान रखें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनका लाभ उठा सकें। विशिष्ट अतिथि राज्य के वित्त एवं शहरी विकास और आवास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष के रूप में उनके उल्लेखनीय कार्यकाल के लिये अभिनंदन किया गया। उनके कार्यकाल में सदन का संचालन इतना सुव्यवस्थित और सुचारू रहा कि हर सत्र में विधायकों के शत-प्रतिशत प्रश्नों का उत्तर सरकार से दिला पाना संभव हुआ जो उत्तरांखड विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुआ।
इस अवसर पर श्री अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने इस बार जनता का बजट बनवाने को जनता के विभिन्न वर्गों से सुझाव प्राप्त कर उन्हें बजट प्रस्तावों में समाहित किया जाना सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था होने से उन्होंने होटल- रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज के अलावा ली जा रही टिप्स के बारे में साफ कराया है कि यह स्वैच्छिक है और इसके लिए ग्राहकों को विवश नहीं किया जा सकता। हम इस बिन्दु का अधिकाधिक प्रचार करा रहे हैं। मुख्य वक्ता उत्तरांखड भाषा संस्थान के पूर्व निदेशक डॉक्टर मुनि राम सकलानी ने प्रदेश के विकास में मीडिया की भूमिका की विशद व्याख्या की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती खंडूड़ी ने विकास योजनाओं को जन-जन तक प्रभावी रूप से पहुंचाने के लिए सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान आईएएस, विकास योजनायें जन-जन तक पहुंचाने को मीडिया से बेहतर समन्वय के लिए अपर निदेशक डॉक्टर अनिल चंदोला, मैदान से पर्वतों तक यातायात सुव्यवस्थित संचालन को यातायात निदेशक मुख्तार मोहसिन, पर्यावरण और जैव विविधता के लिए अपनी विशेषता कार्यान्वित करने को पूर्व प्रमुख वन संरक्षक और मुख्य सलाहकार (मुख्यमंत्री) डॉक्टर आरबीएस रावत, ग्राम्य विकास तथा कृषि योजनाओं के प्रदेश भर में क्रियान्वित करने के लिए पीसीएस अधिकारी उदयराज सिंह, बेहतर प्रशासन के लिए पीसीएस अधिकारी के के मिश्रा, स्मार्ट सिटी के कार्यों पर सतर्क दृष्टि और निगरानी को मेयर सुनील उनियाल गामा, नशा मुक्ति अभियान को ललित जोशी, भ्रूण हत्या और नशा मुक्ति अभियान को सुशील बहुगुणा, युवाओं को सेनाओं में भर्ती को प्रशिक्षण हेतु हरिओम चौधरी, कोविड काल में मरीजों की प्राण रक्षा को खुद को दांव पर लगाने के लिए डॉक्टर मुकुल शर्मा, 65 बार रक्तदान करने वाले पीयूष मौर्य को, गौसेवा को अभिमन्यु कुमार, 55 वर्ष ईमानदार पत्रकारिता के लिए रवीन्द्र नाथ कौशिक, पुराने समाचार पत्र जनलहर के अविछिन्न प्रकाशन के लिए मनमोहन लखेड़ा और खोजपूर्ण पत्रकारिता के लिए अवनीश गुप्ता, गरीबों और वंचितों को चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए डॉक्टर संजय गांधी, बचपन से गौसेवक जीवन जीने ओ अभिमन्यु कुमार, स्वच्छकारों के अधिकारों के लिए एनएचपीसी के पूर्व निदेशक भगवत प्रसाद मकवाना, योग के प्रचार-प्रसार और प्रशिक्षण के लिए दीपक रतूड़ी, पर्यावरण संरक्षण को जुटे हरित पुरुष डॉक्टर त्रिलोक चंद सोनी, मानव तस्करी के खिलाफ लंबे समय से सक्रिय मानवाधिकारवादी ज्ञानेंद्र कुमार, वंचितों की सेवा को डॉक्टर श्रीमती गार्गी आदि को उनकी असाधारण सेवाओं और योगदान के लिए प्रशस्ति-पत्र भेंट किए। मंच पर देशबोध के प्रकाशक संजय सुमिताभ, संपादक आकाश रस्तोगी, समाचार संपादक पंकज जायसवाल तथा डिजीटल संपादक इंजीनियर अनुज सक्सेना थे। संचालन करते हुए डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून के प्रोफेसर डॉक्टर राम विनय सिंह ने ‘महिला’ शब्द का संधि विच्छेद ( मह+ इल) करते हुए बताया कि इस शब्द का अर्थ ही आदरणीय होता है। कार्यक्रम में भाजपा नेता विनय गोयल आदि भी मौजूद रहे।

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