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उत्तराखण्ड

धमाकेदार जीत के साथ धामी का सीएम बने रहने का रास्ता साफ

सामने आये उपचुनाव के नतीजे बताते हैं धामी पर पार्टी का भरोसा सही साबित हुआ
सीएन, देहरादून।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत विधानसभा उपचुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज की है। उन्होंने 55 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज कर एक नया रिकार्ड कायम किया है। बीजेपी के उम्मीदवार पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस की उम्मीदवार निर्मला गहतोड़ी को करारी शिकस्त दी है। उपचुनाव के नतीजों में धामी को ऐतिहासिक जीत मिली है। जीत का बड़ा अंतर इसे साफ कर रहा है। मार्च में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में धामी को मात मिलने से पार्टी को बड़ा झटका लगा था बावजूद इसके पार्टी ने धामी पर भरोसा जताया और उन्हें दोबोरा मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि उपचुनाव में जीत उनके लिए बड़ी चुनौती थी लेकिन आज सामने आए उपचुनाव के नतीजे बताते हैं कि धामी पर पार्टी का भरोसा सही साबित हुआ। पुष्कर सिंह धामी को मिली जीत के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। प्रदेशभर में धामी और बीजेपी के जीत का जश्न मनाया जा रहा है। 10 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद और धामी को खटीमा से हार मिलने के बाद कई दिनों तक सस्पेंस के बाद 21 मार्च को नए सीएम के तौर पर पुष्कर सिंह धामी के नाम का ऐलान किया गया था। धामी ने तब उत्तराखंड के 12 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। मुख्यमंत्री के तौर पुष्कर सिंह धामी का नाम सामने के बाद प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई थी। पुष्कर सिंह धामी ने 3 जुलाई 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. पुष्कर सिंह धामी का ये राजनीतिक सफर बेहद ही साधारण परिवार से होकर गुजरा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ जिले में स्थित डीडीहाट तहसील के टुण्डी गांव में हुआ था। पुष्कर सिंह धामी के पिता सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत थे। धामी की शुरुआती शिक्षा गांव के ही स्कूल में हुई। इसके बाद इनका परिवार खटीमा आ गया। जहां से धामी ने 12वीं तक की पढ़ाई गई। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध में मास्टर्स की डिग्री ली। यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत भी हुई। 2000 में उत्तराखंड के गठन से पहले ही पुष्कर सिंह धामी लखनऊ यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे। 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई पदों में रहकर विद्यार्थी परिषद में काम किया। वे दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। धामी कुमायूं क्षेत्र के बड़े राजपूत चहेरे भी हैं। पुष्कर सिंह की मां का नाम विशना देवी और पत्नी का नाम गीता धामी है और उनके दो बेटे हैं। वरिष्ठ नेता भगत सिंह कोश्यारी को धामी का राजनीतिक गुरु माना जाता है। जब भगत सिंह कोश्यारी सीएम थे तो पुष्कर सिंह धामी उनके ओएसडी भी रह चुके हैं। वर्तमान में उन्हें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के निकट माना जाता है। पुष्कर सिंह धामी ने 2012 और 2017 में खटीमा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत, उसके बाद तीरथ सिंह रावत और अंत में पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को प्रचंड जीत मिली पर खटीमा सीट से धामी की हार ने सबको चौंका दिया था। इसके बाद अब उपचुनाव में धामी की जीत ने उनके मुख्यमंत्री बने रहने का रास्ता साफ कर दिया है।
पुष्कर सिंह धामी एबीवीपी के यूपी प्रदेश महासचिव भी रहे
पुष्कर सिंह धामी एबीवीपी के यूपी प्रदेश महासचिव भी रहे। 2000 में उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद वह सीएम भगत सिंह कोश्यरी के ओएसडी रहे। 2002 से 2008 तक दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे 2021 मे तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप मे चुना, उन्होंने उत्तराखंड के 12 मुख्यमंत्री के रूप मे सपथ ली।
सामाजिक जीवन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ शिक्षा वर्ग प्रशिक्षित स्वयंसेवक, संघ आयु-32 वर्ष विश्वविद्यालय स्तर (लखनऊ विश्वविद्यालय) से प्रांतीय स्तर (अवध प्रांत) तक दायित्ववान कार्यकर्त्ता, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (10 वर्ष), कार्य क्षेत्र-उत्तर प्रदेश
राजनीतिक जीवन
प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता युवा मोर्चा, उत्तराखंड (लगातार दो बार 2002 से 2008 तक)
विशेष कार्याधिकारी मुख्यमंत्री,उत्तराखंड(2001-2002 )
राज्यमंत्री (दर्जाप्राप्त) शहरी अनुश्रवण समिति, उत्तराखंड (2010-2012)
प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी, उत्तराखंड (2016 से अब तक) वर्तमान मै 12 वे तथा युवा मुख्यमंत्री है।
विधायक खटीमा, उत्तराखंड (2012-2017)
विधायक खटीमा, उत्तराखंड (2017-2022)
विधायक चंपावत, उत्तराखंड (2022-2027)
भारतीय जनता पार्टी, उत्तराखंड (2016 से अब तक )
2021 मे तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से लेके अभी तक वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के बाद, बीजेपी के विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम पर मुहर लगी। हालांकि 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव मे उन्हें खटीमा से कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी से हार का सामना करना पड़ा। वे 6951 मतों से हारे। उपचुनाव में चम्पावत विधान सभा इस बार उन्होंने 55 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज कर एक नया रिकार्ड कायम किया है। वह राज्य के 12 वें मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
सामाजिक व राजनीतिक उद्देश्य अंत्योदय उत्तराखण्ड के अंतिम छोर में खड़े हुए हर उत्तराखंडी को बुनियादी सुविधायें मिल सकें।
उत्तराखंड बने सिरमौर देवभूमि उत्तराखंड भारतवर्ष में विकास के समस्त मानकों के आधार पर नंबर 1 राज्य बने ।

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