उत्तर प्रदेश
लखनऊ का जालिम पिटबुल, नगर निगम ने नए मालिक को सौंपा
पिटबुल ने अपनी मालकिन को मारा था, नए मालिक के नाम और पते को गुप्त रखा
सीएन, लखनऊ। मालकिन पर जानलेवा हमला करने वाले पिटबुल को नया मालिक मिल गया है. लखनऊ नगर निगम ने पिटबुल को उसके पुराने मालिक अमित को सौंपा। अमित उसे नए मालिक के पास सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। हालांकि, अभी नए मालिक के नाम और पते को गुप्त रखा गया है।14 दिन तक स्पेशल केज में रखने के बाद पिटबुल को आज नगर निगम की टीम ने अमित को सौंपा। अमित उसे गोंद में लेकर उसके नए मालिक के पास रवाना हो गया। इस दौरान मीडिया ने अमित से पिटबुल के नए मालिक के बारे में कई सवाल पूछे, लेकिन अमित ने कोई जवाब नहीं दिया। नगर निगम ने भी औपचारिकताएं पूरी करके पिटबुल को सौंप दिया। जिस मां ने पिटबुल डॉग को पाला, उसी पिटबुल के हमले में जान गंवाने वाली सुशीला का बेटा अमित त्रिपाठी खुद ही उसे (पिटबुल) घर लाना चाहता था, लेकिन पड़ोसियों की सहमति नहीं मिल पाने की वजह से नगर निगम ने पिटबुल को अमित को देने से मना कर दिया था। नगर निगम का कहना था कि पड़ोसियों के ह्यूमन राइट्स का ख्याल रखा गया है। इससे पहले पिटबुल के मालिक अमित ने कहा था कि अगर मोहल्ले के लोग और नगर निगम परमिशन देगा तो वह खुद डॉग को वापस रख लेंगे। अमित का मानना है कि किन परिस्थितियों में मौत हुई है? वह अलग है, अगर मोहल्ला और नगर निगम मान जाएगा तो वह खुद रख लेंगे नहीं तो वे किसी को अडॉप्ट करवा देंगे। मां की मौत पर पिटबुल ‘ब्राउनी’ के मालिक अमित ने कहा था कि परिस्थितियों के हिसाब से डॉग के द्वारा मौत हुई है, जानबूझकर नहीं। गौरतलब है कि इसी महीने बंगाली टोला इलाके में 80 वर्षीय सुशीला पर उनके पालतू पिटबुल ‘ब्राउनी’ ने हमला कर दिया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। कुछ पड़ोसियों ने मौत को लाइव देखा था। पड़ोसियों के मुताबिक, सुशीला पर हमला करने के बाद पिटबुल उनको नोंच रहा था। जैसे ही मौत की खबर आई तो नगर निगम हरकत में आया और उसने पिटबुल को जब्त कर लिया था। इसके बाद उसे एक स्पेशल केज में 14 दिन तक के लिए रखा गया। उसके बिहेवियर की जांच करने के लिए चार सदस्यीय पैनल का गठन किया गया था। नगर निगम की टीम के मुताबिक, स्पेशल केज में पिटबुल का बिहेवियर नॉर्मल था। पिटबुल हर रोज चिकन लेग पीस और दही खाता था। उसे तीन टाइम खाना दिया जाता था. पहले दिन उसे दाल-चावल दिया गया था, लेकिन मुंह तक नहीं लगाया था। इसके बाद उसे चिकन लेग पीस दिया जाना शुरू किया गया, जिसे बड़े चाव से खाता था।