उत्तर प्रदेश
अब प्रज्ञानंद भारती के नाम से जाने जाएंगे वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी
वर्ष 2021 को यती नरसिंहानंद सरस्वती ने वसीम रिजवी को हिन्दू धर्म में किया था शामिल
सीएन, हरिद्वार। उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिवजी से जितेंद्र त्यागी बने और अब कुछ दिनों बाद प्रज्ञानंद भारती के नाम से जाने जाएंगे। कई दिनों तक चले नाम को लेकर मंथन के बाद प्रज्ञानंद फाइनल किया गया है। जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी 29 मई को संन्यास ले सकते हैं। शांभवी पीठाधीश्वर और शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष आनंद स्वरूप का कहना है कि वे जितेंद्र त्यागी को संन्यास दिलाएंगे। हरिद्वार गंगा घाट किनारे तीन दिन का कार्यक्रम बनाया गया। जिसमें विभिन्न प्रांतों से संत शामिल होंगे। जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने शांभवी पीठाधीश्वर के समक्ष संन्यास की इच्छा जाहिर की थी। इसको लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी से वार्ता भी हुई थी। इसके बाद संन्यास ग्रहण कार्यक्रम की रूपरेखा को तैयार किया गया है। शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने बताया कि 28 से 30 मई के बीच का संभावित कार्यक्रम तय किया गया है। 28 मई को मुंडन संस्कार, 29 को अग्निवास और फिर दंड दीक्षा दी जाएगी। स्थान का चयन अभी नहीं हो सका है। लेकिन कार्यक्रम गंगा घाट के किनारे किया जाएगा। 6 दिसंबर वर्ष 2021 को यती नरसिंहानंद सरस्वती ने वसीम रिजवी को हिन्दू धर्म में शामिल किया था। तब उनको जितेंद्र त्यागी नाम दिया गया था। हिन्दू धर्म में आने के 175 दिनों बाद वह संन्यास परंपरा में आ रहे हैं। शांभवी पीठाधीश्वर का कहना है कि संन्यास दिलाने के साथ ही नाम भी सोच लिया गया है। जितेंद्र त्यागी से उन्हें प्रज्ञानंद नाम दिया जाएगा