दुर्घटना
बालासोर ट्रेन हादसे में अब तक 280 लोगों की मौत, 900 लोग घायल
बालासोर ट्रेन हादसे में अब तक 280 लोगों की मौत, 900 लोग घायल
चीख-पुकार मची थी…सीट के नीचे दबा था 2 साल का बच्चा, देवदूत बनकर पहुंचे स्थानीय लोग
सीएन, नई दिल्ली/बालासोर। ओडिशा के बालासोर में दो ट्रेनों के पटरी से उतरने के बाद मालगाड़ी से टकराने से भीषण हादसा हुआ। हादसे में करीब 280 लोगों की मौत हो चुकी है। 900 लोग घायल हो गये है। पहले हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे। पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए। इसके बाद ये डिब्बे मालगाड़ी से टकरा गए। हादसे के बाद लोग मदद के लिए चीख-पुकार मचा रहे हैं। हादसे का बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने ट्रेन में फंसे लोगों को बाहर निकालने में मदद की। इस दौरान स्थानीय लोगों की मदद से कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। साथ ही ट्रेन में सवार कई यात्रियों ने भी अपने आसपास के यात्रियों को बचाने में मदद की। इस तरह हादसे में लोगों ने मानवता की मिसाल कायम की। ट्रेन हादसे के बारे में स्थानीय नागरिक गणेश ने कहा कि जिस समय हादसा हुआ हम यहां से 200 मीटर दूर मार्केट में थे। जोर की आवाज सुनने के बाद हम लोग घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि दुर्घटना की सुनकर हम लोग यहां पहुंचे। यहां ट्रेन की बोगी में कई लोग फंसे हुए। लोगों में चीख पुकार मची हुई थी। उन्होंने कहा कि बोगो में फंसे लोगों को अंदर से निकाला। गणेश ने कहा कि हमने ट्रेन में फंसे करीब 300 से 400 लोगों को बाहर निकाला। हादसे को लेकर एक यात्री ने बताया कि हम S5 बोगी में थे और जिस समय हादसा हुआ उस उस समय मैं सोया हुआ था। यात्री ने कहा, हमने देखा कि किसी का सर, हाथ, पैर नहीं था… हमारी सीट के निचे एक 2 साल का बच्चा था जो पूरी तरह से सुरक्षित है। बाद में हमने उसके परिवारिजन को बचाया। यात्री ने कहा कि स्थिति बहुत भयानक थी। उस समय सभी यात्री एक दूसरे की मदद कर रहे थे। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी थे जो मदद की गुहार लगा रहे थे। ट्रेन हादसे के बाद बड़ी संख्या में लोग रक्तदान करने पहुंचे। रक्तदान कैंप के बाहर खड़े एक शख्स ने बताया कि हादसे की खबर सुनकर हम ब्लड देने के लिए भद्रक से आए हैं। मेरे साथ हमारे संगठन के 20-25 लोग आए हैं। अपनी अपनी इच्छा से निस्वार्थ भाव से रक्तदान के लिए आए हैं। हमारे खून से किसी की जिंदगी बच जाए, इससे खुशी की बात दुनिया में कोई नही है। इसलिए जैसे ही हमें इस हादसे की खबर मिली हम रक्तदान के लिए पहुंच गए। इसी तरह एसके कुर्बान बताते हैं कि उन्होंने हादसे में कई लोगों के मारे जाने की खबर सुनी। घायलों को खून की जरूरत है। किसी का भला हो जाए बस इसलिए मैं अपनी मर्जी से यहां रक्तदान करने आया हूं।
दुर्घटना में दो यात्री ट्रेनों की सक्रिय भागीदारी
भारतीय रेलवे के कार्यकारी निदेशक अमिताभ शर्मा ने एएफपी को बताया, दुर्घटना में दो यात्री ट्रेनों की सक्रिय भागीदारी थी, जबकि तीसरी ट्रेन, एक मालगाड़ी थी, जो साइट पर खड़ी थी, भी दुर्घटना में शामिल है। देश की सबसे घातक ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक शाम 7 बजे के आसपास हुई, जब कई यात्री सो रहे थे। चेन्नई जा रही कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस कथित तौर पर पटरी से उतर गई और एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिसके बाद कई डिब्बे पलट गए। इसके बाद यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट पटरी से उतरे डिब्बों से टकरा गई। टक्कर के वक्त दोनों ट्रेनें तेज गति से चल रही थीं। अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम 6 बजकर 50 मिनट से 7 बजकर 10 मिनट के बीच कुछ ही मिनटों में भीषण त्रासदी हुई। संभावित परिचालन विफलता पर सवालों के बीच रेलवे ने जांच के आदेश दिए हैं. बचाव अभियान रात भर जारी रहा क्योंकि श्रमिकों और स्थानीय लोगों ने क्षतिग्रस्त मलबे से शवों और जीवित बचे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की। इसके बाद में एनडीआरएफ के जवान और सेना के जवान मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। तीन ट्रेन से जुड़े भीषण हादसे के बाद लंबी दूरी की 18 ट्रेन को रद्द कर दिया गया है। सात ट्रेन का मार्ग परिवर्तित किया गया है। 12837 हावड़ा-पुरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 12863 हावड़ा-बेंगलुरु सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 12839 हावड़ा-चेन्नई मेल रद्द कर दी गई। उन्होंने कहा कि 12895 हावड़ा-पुरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 20831 हावड़ा-संबलपुर एक्सप्रेस और 02837 संतरागाछी-पुरी एक्सप्रेस भी रद्द कर दी गई है।
मृतक के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये की मदद
मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से प्रत्येक मृतक के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000-50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। रेल मंत्री ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को दो-दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000-50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। इस बीच, केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान ने भी पश्चिम बंगाल में कोलकाता की अपनी यात्रा को बीच में ही रोक दिया और ओडिशा के बालासोर के लिए रवाना हो गए, जहां एक मालगाड़ी से टकराने के बाद एक यात्री ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। ट्रेन के पटरी से उतरने के बाद ओडिशा सरकार ने शनिवार को एक दिन के शोक की घोषणा की है।