दुर्घटना
भूस्खलन की चपेट में आई दो बसों के उफनाई नदी में बहने से उसमें सवार 65 यात्री लापता
भूस्खलन की चपेट में आई दो बसों के उफनाई नदी में बहने से उसमें सवार 65 यात्री लापता
सीएन, काठमांडू। नेपाल में भूस्खलन की चपेट में आई दो बसों के उफनाई नदी में बहने से उनमें सवार कम से कम 65 यात्रियों के लापता होने की खबर है। खबर के मुताबिक 65 यात्रियों को ले जा रही दो बसें चितवन जिले के सिमलताल इलाके में नारायणघाट .मुगलिंग मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आने के बाद उफनाई त्रिशूली नदी में बह गईं। चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्र देव यादव ने इस हादसे की पुष्टि की। बताया जा रहा है कि आज यानी शुक्रवार सुबह मध्य नेपाल में मदन-आश्रित राजमार्ग पर भूस्खलन की वजह से लगभग 63 यात्रियों को ले जा रही दो बसें त्रिशूली नदी में बह गईं। दोनों चालकों समेत सभी लापता बताए जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इनमें सात भारतीय भी शामिल थे। चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दोनों बसों में चालकों सहित कुल 63 लोग सवार थे। हादसा सुबह करीब 3.30 बजे हुआ। हम घटनास्थल पर हैं और तलाशी अभियान चल रहा है। लगातार बारिश के कारण लापता बसों की तलाश में हमें दिक्कत आ रही है। घटना चितवन जिले में नारायणघाट-मुगलिंग रोड पर सिमलताल इलाके में हुई। इस बीच मौसम खराब रहने के कारण काठमांडू से भरतपुर, चितवन तक की सभी उड़ानें आज के लिए रद्द कर दी गई हैं। जानकारी के मुताबिक काठमांडू जाने वाली एक बस और राजधानी से गौर जाने वाली दूसरी बस सुबह करीब साढ़े तीन बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। काठमांडू जाने वाली बस में 24 लोग और गौर जाने वाली बस में 41 लोग सवार थे। बताया यह भी जा रहा है कि दूसरी बस में सवार तीन यात्री कूदकर भागने में सफल रहे। बीरगंज से काठमांडू जा रहे 21 यात्रियों के बारे में जानकारी मिली है। हालांकि पुलिस ने बताया है कि बस में सवार यात्रियों में सात भारतीय नागरिक भी थे। त्रिशूली नदी में बस के लापता होने पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने तत्काल खोज और बचाव अभियान के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने नागरिकों से आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया। पुलिस अधीक्षक भावेश रिमल ने कहा कि नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल के जवान बचाव अभियान के लिए घटनास्थल की ओर बढ़ रहे हैं। नारायणघाट-मुगलिंग सड़क खंड पर विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण मलबा आने से यातायात बाधित हुआ है। इस बीच एक अलग घटना में गुरुवार को कास्की जिले में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। नेपाल में मानसून आपदाओं की वजह से एक दशक में 1,800 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस दौरान लगभग 400 लोग लापता हो गए तथा 1,500 से अधिक लोग आपदा में घायल हो गए। इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने ट्वीट किया कि नारायणगढ-मुग्लिन सडकखण्ड पर भूस्खलन में बस के बह जाने से लगभग पांच दर्जन यात्रियों के लापता होने की रिपोर्ट और देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण संपत्तियों के नुकसान से मैं बहुत दुखी हूं। मैं गृह प्रशासन सहित सरकार की सभी एजेंसियों को यात्रियों की खोज और प्रभावी बचाव के निर्देश देता हूं। जिलाधिकारी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन और राहत.बचाव कर्मी घटनास्थल पर हैं और तलाशी अभियान चल रहा है। लगातार बारिश के कारण लापता बसों की तलाश में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।