दुर्घटना
रमजान मुबारक 12 मार्च 2024 : आज नजर आ सकता है चांद, आज से रमजान का पहला रोजा होगा शुरू
रमजान मुबारक 12 मार्च 2024 : आज नजर आ सकता है चांद, आज से रमजान का पहला रोजा होगा शुरू
सीएन, नैनीताल। इस्लाम धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार रमजान का महीना होता है। आज 12 मार्च से रमजान का महीना शुरू हो जाएगा और इसी दिन रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा। इस्लाम धर्म में रोजा रखने का मतलब है, खुद को खुदा के लिए समर्पित करना। यह रोजा पूरे एक महीने तक सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त रखा जाता है। एक महीने तक चलने वाले रमजान को 10.10 दिन के तीन अशरा में विभाजित किया गया है। पहला 10 दिन रहमत का और दूसरा 10 दिन मगफिरत यानी माफी का जबकि तीसरा एवं अंतिम अशरा जहन्नम से निजात का है। इस संपूर्ण मास हकीकत मां इबादत एवं तिलावत कर रब को राजी करते हैं। रमजान महीने की तैयारी को लेकर बाजार में खरीद फरोख्त का बाजार गर्म है। रमजान.उल.मुबारक के मुकद्दस महीने का चांद आज नजर आ सकता है। माहे मुबारक में इबादत और रोजा रखने को लेकर अकीदतमंदों ने लगभग तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं। मस्जिदों में रंग रोगन कराने के साथ तरावीह की भी व्यवस्था पूरी कर ली गई हैं। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार आज 29 वीं का चांद नजर आ सकता है। अगर 11 मार्च चांद नजर आ गया तो आज ही रात लगभग 8 बजे के बाद से मस्जिदों में तरावीह प्रारंभ हो जाएगी। आज मंगलवार से रमजान का पहला रोजा शुरू हो जाएगा। अगर आज चंद्र दर्शन नहीं हुआ तो कल मंगलवार से तरावीह और बुधवार से रमजान.उल.मुबारक का पहला रोजा शुरू होगा। पूरे एक महीने तक चलने वाले रमजान को 10.10 दिन के तीन अशरा में विभाजित किया गया है। पहला 10 दिन रहमत का और दूसरा 10 दिन मगफिरत माफी जबकि तीसरा एवं अंतिम अशरा जहन्नम से निजात का है। इस संपूर्ण मास हकीकत मां इबादत एवं तिलावत कर रब को राजी करते हैं। रमजान महीने की तैयारी को लेकर बाजार में खरीद फरोख्त का बाजार गर्म है।
वक्त से पहले या वक्त के बाद न खाएं
उन्होंने कहा कि सेहरी और इफ्तारी के वक्त का जरूर ख्याल रखें। वक्त से पहले न तो सेहरी करें और न ही इफ्तारी, ऐसा करने से रोजा का फायदा नहीं मिलेगा। अगर आपके पास सहरी का वक्त है उससे दो मिनट पहले इसको खत्म कर लें, वहीं इफ्तारी के वक्त होने के एक मिनट इंतजार के बाद इसको कर लें। इस मुबारक महीने में तरावीह पढ़ी जाती है। इसको सुन्नत कहा जाता है। तरावीह का एहतराम करें। इस्लाम के पाक महीने में मुस्लिम सच्चे दिल से इबादत करते हैं। पांचों वक्त की नमाज़ अदा करते हैं। रमजान के महीने में 29 या 30 दिन रोजे रखे जाते हैं, जो चंद्रमा के दिखने पर निर्भर करता है। रमजान के दौरान कुछ भी खाना पीना नहीं होता। इसके साथ ही रमजान के पवित्र महीने में कुरान शरीफ पढ़ने का काफी खास महत्व माना जाता है। सुबह 3 बजे से 4 बजे बीच में सहरी के दौरान उठकर रोजा रखा जाता है उसके बाद शाम में जब दोनों वक्त मिलते हुए होते हैं दिन जाता हुआ होता है और रात आती है उस दौरान मुस्लिम लोग इफ्तार करते हैं।