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आज 21 मार्च द्वादशी तिथि को गोकुल में खेली जायेगी प्रसिद्ध छड़ीमार होली 

21 मार्च द्वादशी तिथि को गोकुल में खेली जायेगी प्रसिद्ध छड़ीमार होली 
सीएन, मथुरा।
ब्रज और मथुरा की होली का अपना अलग.अलग ही महत्व है। यहां की होली सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में प्रसिद्ध है। व्रज में होली का उत्सव मनाने के लिए हर साल देश.विदेश से लोग पहुंचते हैं। फुलेरा दूज के दिन मथुरा में होली के उत्सव का प्रारंभ हो जाता है। इसके बाद यहां लड्डू होली, लट्ठमार होली, होली, दाऊजी का हुरंगा आदि उत्सवों का अलग ही जश्न देखने को मिलता है। लट्ठमार होली के दिन लट्ठ से मार खाकर लोग खुद को धन्य मानते हैं। फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को गोकुल में प्रसिद्ध छड़ीमार होली खेली जाती है। इस साल छड़ीमार होली 21 मार्च को मनाई जा रही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार गोकुल की छड़ी मार होली की शुरुआत नंदकिले के नंद भवन में ठाकुरजी के समक्ष राजभोग का भोग लगाकर होती है। ये नंदकिला यमुना नदी के किनारे स्थित है।  इस होली की तैयारियां कई दिनों पहले से शुरू हो जाती हैं। इस होली में गोपियां लठ की जगह छड़ा का इस्तेमाल करती हैं। बचपन में कान्हा बड़े चंचल हुआ करते थे। गोपियों को परेशान करने में उन्हें बड़ा आनंद मिलता था, इसलिए गोकुल में कान्हा के बालस्वरूप को अधिक महत्व दिया जाता है। नटखट कान्हा की याद में हर साल यहां पर छड़ीमार होली का आयोजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि बालकृष्ण को लाठी से चोट न लग जाए इसलिए यहां लाठी की जगह छड़ी से होली खेली जाती है। गोकुल की छड़ीमार होली खेलने के लिए दूर.दराज से श्रद्धालु आते हैं। इस उत्सव का आयोजन यहां सदियों से चला आ रहा है। प्राचीन परंपराओं का निर्वहन करते हुए आज भी हर साल यहां छड़ीमार होली का आयोजन किया है। छड़ीमार होली के दिन कान्हा की पालकी और पीछे सजी.धजी गोपियां हाथों में छड़ी लेकर चलती हैं। छड़ीमार होली की शुरुआत सबसे पहले नंद भवन में ठाकुरजी के समक्ष राजभोग का भोग लगाकर होती है। हर साल होली खेलने वाली गोपियां 10 दिन पहले से छड़ीमार होली की तैयारियां शुरू कर देती हैं। यहां गोपियों को दूध, दही, मक्खन, लस्सी, काजू बादाम खिलाकर होली खेलने के लिए तैयार किया जाता है। फिर फाल्गुन शुक्ल की द्वादशी तिथि को धूमधाम से छड़ीमार होली का आयोजन होता है। छड़ीमार होली के बाद ब्रज में फूलों की होली खेली जाएगी। इस होली में फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। लोग एक दूसरे पर फूल बरसाते हैं और होली का आनंद उठाते हैं।

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