धर्मक्षेत्र
श्री मां नयना देवी मंदिर में नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ
सीएन, नैनीताल। श्री मां नयना देवी जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर श्री मां नयना देवी अमर उदय ट्रस्ट नैनीताल द्वारा आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। प्रातः काल पंच देव पूजन, देवी पूजन व कलशयात्रा के साथ सभी देवताओं कि स्थापना, आराधना व पूजन व समस्त देवताओं का आह्वान किया गया। कथा वाचक ( व्यास) पण्डित मनोज कृष्ण जोशी द्वारा प्रथम दिन की श्रीमद् देवी भागवत कथा का वाचन किया कथा में व्यास जी ने कहा कि भक्त की कथा ही भागवत है। व्यास जी ने कथा में राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय कि कथा को विस्तार पूर्वक समझाया और कहा कि जनमेजय ने व्यास जी से प्रार्थना कि हे व्यास जी कृपया मुझे बतलाइये कि मेरे पिता जी का उद्धार कैसे होगा। तब वेदव्यास जी ने कहा कि यदि श्रीमद् देवी भागवत कथा कि जाये तो उद्धार हो सकता है। तब जनमेजय ने कहा कि यह कथा कौन सुनायेगा, वक्ता कौन है और श्रोता कौन होगा,इस समय तब व्यास जी ने कहा मैं कह सकता हूं, श्रोता तुम हो मैं तुम्हें यह कथा सुनाता हूं। व्यास जी ने यह कथा सबसे पहले जनमेजय को सुनाई। इसके बाद श्रीकृष्ण को कैसे शयमंतक मणी का कलंक लगा, इसके बाद महर्षि अगस्त्य ऋषि महामाया आदि शक्ति कि महिमा का बखान किया। उन्होंने बताया कि जो कार्य किसी भी तरह पूर्ण न हो वह देवी भागवत की कृपा से हो जाता है। उन्होंने कहा कि हमारा शरीर भी शक्ति के बिना शून्य है, बिना शक्ति के शिव भी शव के समान है। उन्होंने कहा कि देवी के दो रूप हैं श्री लक्ष्मी भी है और अलक्ष्मी भी, अविद्या शक्ति भी है। दिन के भी दो रूप हैं रात और दिन। कथा में वैवस्वत मनु की कथा व्यास जी ने कहा कि दुर्गा का नाम ही दुखों को दूर करने वाली है जिसकी आराधना (त्रिदेव ) ब्रह्मा विष्णु महेश भी करते हैं अर्थात श्रीमद् देवी भागवत करने से सारे मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। उन्होंने समझा कि अनुष्ठान में पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वर्तमान में हम सभी अपनी धार्मिक परम्पराओ से, अपने संस्कारों से अपनी संस्कृति से भटकते जा रहे हैं, इसे खोते जा रहे हैं, क्योंकि हम धार्मिक भाव से भटकते जा रहे हैं हमें अपनी धरोहरों को बचाना नितान्त आवश्यकीय है। इसलिए इस कलियुग में श्रीमद देवी भागवत कथा का श्रवण करने से सब कार्य सिद्ध हो जाते हैं। कथा में सैकड़ों भक्तजन मौजूद रहे। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। कथा में श्रोताओं कि अपार भीड़ थी।कथा के दूसरे दिन कथा का शुभारंभ 3 बजे से होगा।