धर्मक्षेत्र
इस बार सावन पर 72 साल बाद दुर्लभ संयोग : सावन माह की शुरुआत और समापन दोनों ही सोमवार को होंगे
इस बार सावन पर 72 साल बाद दुर्लभ संयोग : सावन माह की शुरुआत और समापन दोनों ही सोमवार को होंगे
सीएन, नैनीताल। सनातन धर्म में सावन के महीने को काफी पवित्र माना जाता है। सावन के महीने में जो भी भक्त श्रद्धापूर्वक भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस साल सावन माह का प्रारम्भ और पहला सोमवार 22 जुलाई को ही है। पहले ही दिन सोमवार पड़ने से इस बार भक्तों को 5 सोमवार मिलेंगे और सावन महीने का समापन 19 अगस्त को होगा। इस बार सावन पर 72 साल बाद दुर्लभ संयोग बना है। सावन का प्रारंभ और समापन दोनों ही सोमवार के दिन हो रहा है। सावन माह की शुरुआत और समापन दोनों ही इस बार सोमवार को होंगे। ऐसा दुर्लभ योग 72 वर्ष पहले 27 जुलाई 1953 को बना था। जब सावन महीने की शुरुआत और समापन सोमवार के साथ हुआ था। वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार सावन 22 जुलाई सोमवार से शुरू हो रहा है। इस बार सावन माह में 5 सोमवारी पड़ रहा है। 29 दिनों तक शिवभक्त अपने आराध्य की पूजा.अर्चना कर सकेंगे। इससे उनकी हर मनोकामनाएं पूरी होंगी। सावन की शुरुआत 22 जुलाई की सुबह 05 बजकर 37 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रही है। वहीं समापन 19 अगस्त दिन सोमवार को ही है। सोमवार प्रीति योग और आयुष्मान योग का भी अनूठा संयोग बन रहा है। ज्योतिष का कहना है कि 18 अगस्त को शुक्ल पक्ष चतुर्दशी की क्षय तिथि लग रही है इसलिए पूर्णिमा का प्रवेश 19 अगस्त को हो रहा है। जैसे ही पूर्णिमा शुरू होगी वैसे ही भद्रा काल भी शुरू हो जाएगा जो दोपहर 1.32 बजे तक रहेगा। शिवभक्त सावन माह में सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें। व्रत रख रहे हैं तो हाथ में पवित्र जल, अक्षत, फूल लेकर संकल्प लें। गंगाजल और पंचामृत से देवाधिदेव का अभिषेक करें और विधिवत शिव परिवार की पूजा करें। धूप-दीप, बेलपत्र, भांग, अक्षत, धतूरा, फल, फूल चढ़ाएं। घर में बने मंदिर या पूजा स्थल पर दीपक जलाएं। सावन सोमवार व्रत की कथा सुनकर शिव परिवार और सभी देवी-देवताओं का ध्यान करें। श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की आरती करें। ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और भगवान शिव से गलतियों की क्षमा मांगें।