धर्मक्षेत्र
मौनी अमावस्या के मौके पर होगा महाकुंभ 2025 का दूसरा विशेष पुण्यदायी शाही स्नान
मौनी अमावस्या के मौके पर होगा महाकुंभ 2025 का दूसरा विशेष पुण्यदायी शाही स्नान
सीएन, प्रयागराज। महाकुंभ का आरंभ हो चुका है। महाकुंभ में रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। महाकुंभ सनातन धर्म और परंपरा की गहराई को दर्शाता है। कुंभ मेले का आयोजन हर 12 वर्षों में होता है लेकिन इस बार का कुंभ महाकुंभ है जो 144 साल बाद लगा है। कुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व है। महाकुंभ का पहला स्नान मकर संक्रांति के दिन हुआ है। महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि का आरंभ 28 जनवरी मंगलवार की शाम में 7 बजकर 32 मिनट पर होगा और अगले दिन 29 जनवरी 2025 को शाम में 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। इसी दिन महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान होगा।मौनी अमावस्या के शाही स्नान को मुख्य पुण्यदायी बताया गया है। दरअसल इस बार कई शुभ योग बन रहे हैं। क्योंकि इस दिन चंद्रमा और सूर्य मकर राशि में रहेंगे। साथ ही इस बार गुरु भी वृषभ राशि में रहेंगे। यह योग मौनी अमावस्या पर होने से मौनी अमावस्या के शाही स्नान का विशेष महत्व माना गया है। इसे अमृत स्नान भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं। ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन अगर आप अमृत स्नान करने के साथ ही पितरों को तर्पण देते हैं, उनके निमित्त दान करते हैं तो पितरों का आशीर्वाद आपको मिलता है। इसके साथ ही पितरों की आत्मा भी तृप्त होती है और उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है। वहीं आपको भी पितृदोष से मुक्ति मिलती है। मौनी अमावस्या का स्नान इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन स्नान करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है और उसके सभी पाप धुल जाते हैं। यानी आध्यात्मिक पथ पर चलने वाले और सांसारिक लोगोंए दोनों के लिए ही मौनी अमावस्या का स्नान बेहद महत्वपूर्ण है।