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आज 17 मार्च से होलाष्टक शुरू :  आठ दिनों तक न करें शुभ कार्य, करें देवी-देवताओं की आराधना

आज 17 मार्च से होलाष्टक शुरू :  आठ दिनों तक न करें शुभ कार्य, करें देवी-देवताओं की आराधना
 सीएन, वाराणसी।
होली से आठ दिन पहले होलाष्टक  की शुरुआत हो जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होता है। इस बार होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च से हो रही है।  धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक होलाष्टक के आठ दिनों में किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक काम वर्जित माना जाता है। कहा जाता है इस समय शुभ काम का बुरा फल मिलता है। आइए जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य से होलाष्टक के आठ दिनों में कौन कौन से काम नहीं करने चाहिए। काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि होलाष्टक दो शब्दों से मिलकर बना है होली और अष्टक, जिसका अर्थ है होली के आठ दिन का समय। पंचांग के मुताबिक इस साल होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च रविवार से हो रही है है जो 24 मार्च को होलिका दहन के बाद समाप्त होगी। होलाष्टक शुरू होने के बाद शादी विवाह, मुंडन और उपनयन संस्कार कतई नहीं करना चाहिए।  इस दौरान नए घर में गृह प्रवेश भी नहीं करना चाहिए। अगर आपने गृह प्रवेश की तैयारी की है तो उसे आज ही रद्द कर दें। इस समय में नया वाहन जैसे कार, मोटरसाइकिल इन चीजों को भी नहीं खरीदना चाहिए इससे हमेशा एक्सीडेंट की सम्भावना बनी रहती है। अगर आप किसी घर, फ्लैट या जमीन के रजिस्ट्री का मन बना रहे हैं तो होलाष्टक के आठ दिनों में उसकी रजिस्ट्री से बचना चाहिए। इसके अलावा आप किसी नए काम की शुरुआत करने जा रहे हैं, जैसे नया ऑफिस खोलना, नई दुकान खोलना तो उसे भी आठ दिनों के लिए टाल देना चाहिए। इसके अलावा इस समय में बच्चों का विद्या संस्कार भी नहीं कराना चाहिए। होलाष्टक के समय में इंगेजमेंट या शादी विवाह से जुड़ी दूसरी रस्में भी नहीं निभानी चाहिए।
होलाष्टक का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 16 मार्च की रात 9 बजकर 39 मिनट से होगी और जिसका समापन 17 मार्च की सुबह 9 बजकर 53 मिनट पर होगा। ऐसे में होलाष्टक 17 मार्च से लगेगा, जो 24 तारीख को समाप्त होगा।
होलाष्टक और इसका धार्मिक महत्व
 होलाष्टक होलिका दहन से आठ दिन पहले से लग जाता हैण् इस बार होलाष्टक 17 मार्च से 24 मार्च तक लगेगा। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। होलाष्टक के दिन से होली की तैयारी शुरू हो जाती है। ऐसे में होलाष्टक के दौरान लोग शुभ काम नहीं करते और करने से बचते हैं।

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