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आज है गंगा दशहरा: पवित्र स्नान से अनजाने में हुई गलतियों के पश्चाताप से मिलता है छुटकारा
आज है गंगा दशहरा: पवित्र स्नान से अनजाने में हुई गलतियों के पश्चाताप से मिलता है छुटकारा
सीएन, नैनीताल। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति द्वारा अनजाने में हुई गलतियों के पश्चाताप से छुटकारा मिलता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति गंगा नदी में स्नान करने न जा सके तो वह किसी अन्य पवित्र नदी में गंगा मैय्या का ध्यान करता हुआ स्नान कर सकता है और अगर आपके लिए यह भी संभव न हो तो अपने घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा.सा गंगाजल मिलाकर उससे स्नान करें और दोनों हाथ जोड़कर मन ही मन गंगा मैय्या को प्रणाम करें। इस साल गंगा दशहरा पर कई शुभ योग का संयोग बनने जा रहा है।
गंगा दशहरा के दिन गंगा मैय्या का अविर्भाव पृथ्वी पर हुआ था। आप लोगों को पता ही होगा कि राजा भागीरथ की कठिन तपस्या के कारण ही गंगा मैय्या का पृथ्वी पर आगमन संभव हो पाया था। हालांकि पृथ्वी के अंदर गंगा के वेग को सहने की शक्ति न होने के कारण भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं के बीच स्थान दिया, जिससे धारा के रूप में पृथ्वी पर गंगा का जल उपलब्ध हो सके।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल गंगा दशहरा का 16 जून 2024 को मनाया जाएगा। गंगा दशहरा के दिन चित्रा नक्षत्र और पंच महायोग का संयोग बन रहा है। गंगा दशहरा पर अमृत सिद्धि, मानस, वरीयान, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है। ये अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। इस योग में गंगा स्नान और पूजा पाठ करने से मां गंगा की कृपा प्राप्त होती है और सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है।
गंगा स्नान के समय इन मंत्रों का करें जाप
ॐ नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे माँ पावय पावय स्वाहाः
ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नमः
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु
ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नमः
गंगा स्नान से 10 पाप होते हैं दूर
गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का विशेष लाभ है। इस दिन स्नान करते समय गंगा में 10 बार डुबकी लगानी चाहिए। स्नान करने के लिए सूर्योदय से पहले या सूर्योदय तक के समय को सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय स्नान करने से सूर्य की ऊर्जा से आत्मविश्वास, यश और योग्यता प्राप्त होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि गंगा स्नान से 10 तरह के पापों का अंत होता है जोकि इस प्रकार है. निषिद्ध हिंसा, परस्त्री गमन, बिना दी हुई वस्तु को लेने का पाप, कठोर वाणी का पाप, दूसरे का धन हड़पने या चोरी का पाप, दूसरों का बुरा करना, व्यर्थ की बातों में दुराग्रह, झूठ बोलने का पाप, चुगली करने का पाप, दूसरों का अहित करने का पाप कर्म शामिल है।