Connect with us

धर्मक्षेत्र

करवा चौथ पर छलनी से क्यों देखते हैं चांद, क्यों रखते हैं छलनी पर दीया

करवा चौथ पर छलनी से क्यों देखते हैं चांद, क्यों रखते हैं छलनी पर दीया
सीएन, हरिद्वार।
आज रविवार 20 अक्टूबर को सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखेंगी। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद रात को चंद्र देव का दर्शन करने के बाद इस व्रत को खोलने की परंपरा है। इस दौरान व्रती छलनी पर दीया रखकर चंद्रमा का दर्शन करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान आदि राज्यों में करवा चौथ मनाया जाता है। सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन भूखी.प्यासी रहती हैं और फिर रात को चांद दिखने के बाद ही व्रत खोलती हैं। कई बॉलीवुड फिल्मों में भी करवा चौथ के त्योहार की इस परंपरा को दिखाया गया है। आखिर क्यों छलनी से ही चांद का दीदार किया जाता है। आचार्य दीप कुमार कहते हैं कि पौराणिक कथा के अनुसार अपने रूप के अभिमान में चंद्रदेव ने भगवान गणेश की हंसी उड़ाई थी जिसके बाद उन्होंने चंद्रमा को कलंकित होने का श्राप दिया था। जिसके चलते करवा चौथ पर चंद्रमा के दर्शन सीधे तौर पर नहीं किए जाते हैं। ऐसे में चंद्र देव के दर्शन के लिए महिलाएं छलनी का प्रयोग करती है और उसमें दीया भी रखती हैं। दीया जलाने का एक विशेष कारण यह भी है कि दीया अंधकार को दूर करता है और नकारात्मकता को हटाकर सकारात्मकता भी लाता है। इसके साथ यह कलंक के दोष को खत्म करने का भी काम करता है। इसके लिए शास्त्रों में छलनी में दीया रखने का विधान रखा गया है। मान्यता है कि जिस दिन भगवान गणेश ने चंद्र देव को श्राप दिया उस दिन चतुर्थी थी। पुराणों में भी कथा है कि जब चंद्रमा को श्राप मिला था तो चंद्रमा ने भगवान की शंकर से इसका उपाय मांगा था। तब भगवान शिव ने कहा था कि किसी भी मास की चतुर्थी के दिन जो भी व्यक्ति उसके दर्शन करेगा तो उसे कलंक का सामना करना पड़ेगा। लेकिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन जो चंद्रमा के दर्शन करेगा। उसके सभी कष्ट खत्म हो जाएंगे। ऐसे में करवा चौथ के दिन महिलाएं चंद्रमा को देखकर किसी व्रत का पारण करती हैं। करवा चौथ पर छलनी से चांद देखने के साथ.साथ छलनी पर दीपक भी रखा जाता है। आचार्य दीप कुमार ने कहा, मान्यता है कि छलनी पर दीया रखकर चंद्रमा के दर्शन करने से पति का भाग्य उदय होता है और उनके जीवन में खुशहाली बनी रहती है। इसके अलावा कहा गया है कि चंद्रमा को छलनी से देखने पर सुहागिन महिला को जीवन में कोई कलंक नहीं लगता और उसके पति का भी भाग्योदय होता है। पति की लंबी उम्र की मान्यता भी इसी से जुड़ी है। साथ ही धर्म शास्त्रों में भी लिखा गया है कि अगर पूजा अनुष्ठान में कोई भूल होती है तो दीया जलाने से उस भूल से मुक्ति मिलती है और पूजा के दौरान किसी प्रकार का दोष भी नहीं लगता है।

More in धर्मक्षेत्र

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING