आपदा
सीमांत उत्तरकाशी में डोली धरती, दहशतजदा लोग घरों से बाहर निकले
सीमांत उत्तरकाशी मुख्यालय में डोली धरती, दहशतजदा लोग घरों से बाहर निकले
सीएन, उत्तरकाशी। प्राकृतिक की घटना कब कहां हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। इस बीच अब आज सोमवार को सुबह.सुबह उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भूकंप आया है। सीमांत उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय में आज सुबह 8.35 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3 मापी गई। भूंकप का केंद्र जमीन से पांच किमी नीचे था। भूकंप के झटके महसूस होते ही स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। जिला प्रशासन तहसीलों मुख्यालयों से भूकंप के प्रभाव की सूचना जुटा रहा है। बताया गया है किए उत्तरकाशी में भूकंप के झटकों की घटना आज सुबह लगभग 8.35 बजे के करीब हुई। तो वहीं, भूकंप के झटकों के दौरान लोग तुरंत भय से घर छोड़कर बाहर की ओर भागे, फिलहाल किसी तरह के नुकसान एवं हताहत की कोई सूचना नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की ओर से भूकंप के पुष्टि की गई। साथ ही जानकारी भी दी ओर बताया कि भूकंप की कितनी तीव्रता थी। भूकंप की घटना के बारे में राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि, आज सुबह लगभग 8.35 बजे उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 3.0 तीव्रता का भूकंप आया और भूकंप का केंद्र हिमाचल प्रदेश से लगे मोरी ब्लॉक के कोठीगाड रेंज में जमीन से पांच किमी नीचे था। बता दें कि, उत्तराखंड जोन पांच में आता है। उत्तरकाशी में कम तीव्रता काे भूकंप कई बार आ चुके है। इससे पहले उत्तरकाशी में 2.9 तीव्रता का भूकंप आया था। उस समय भूकंप का केंद्र बड़कोट स्यालना के जंगलों में जमीन से पांच किमी नीचे था। इसके अलावा 7 अप्रैल 2023 में 3.0 की तीव्रता का भूकंप आया था और भूकंप का केंद्र जिला मुख्यालय के नजदीक माण्डो गांव के जंगलों में बताया गया था। तो वहीं, उत्तराखंड में उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चमोली और बागेश्वर जिले भूकंप के लिहाज से संवेदनशील हैं।
उत्तराखंड में बड़े भूकंप की संभावना से इंकार नहीं
उत्तराखंड में बड़े भूकंप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। भौगोलिक स्तर पर हो रहे परिवर्तन से यह खतरा बना हुआ है। भूमि के अंदर हो रही लगातार हलचल के अध्ययन के लिए रौडू में जीपीएस स्थापित करने के लिए भूमि का चयन किया जा रहा है। इस उपकरण की मदद से भूमि के अंदर की हलचल की माप मिलेगी, साथ ही भूकंप की संभावनाओं के अध्ययन में भी मदद मिलेगी। .अमित कुमार बंसल वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी, राष्ट्रीय भू.भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद।