आपदा
केदारनाथ यात्रियों के रेस्क्यू के लिए पहुंचे चिनूक एवं एमआई-17 हेलीकॉप्टर, 2537 यात्रियों को निकाला
केदारनाथ यात्रियों के रेस्क्यू के लिए पहुंचे चिनूक एवं एमआई-17 हेलीकॉप्टर, 2537 यात्रियों को निकाला
सीएन, रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के केदारघाटी में बीते दिनों भारी बारिश से तबाही मची हुई है। जिसके बाद से जिला प्रशासन लगातार राहत एवं बचाव कार्य में लगा है। उत्तराखंड की केदारनाथ घाटी में एक बार फिर तबाही मची है। पुल बहने, पैदल रास्ता और हाईवे जगह.जगह टूटने से केदारनाथ यात्रा ठप हो गई है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे 2537 यात्रियों को रेस्क्यू किया गया है। इस बीच 16 लोग लापता बताए जा रहे हैं। इधर मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक लगातार भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। सेना की ओर से एयर लिफ्ट में तेजी लाने के लिए वायु सेना का चिनूक एवं एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी शुक्रवार सुबह गौचर पहुंच गए हैं। एमआई.17 ने एक चक्कर लगाकर 10 लोगों को रेस्क्यू कर गोचर पहुंचा दिया है। उधर भीमबली और लिंचोली से भी यात्रियों को एयर लिफ्ट करना शुरू कर दिया गया है। वहीं केदारघाटी में करीब 4 हजार लोगों के फंसे होने की सूचना है। रुद्रप्रयाग कंट्रोल रूम से पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर रखी जा रही है। केदारनाथ में लगातार मौसम खराब हो रहा हैए विजिबिलिटी लगभग ना के बराबर है जिससे रेस्क्यू करने में दिक्कत आ रही हैं। विजिबिलिटी कम होने की वजह से एमआई-17 और चिनूक हेली भी उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। रेस्क्यू अभियान की जानकारी देते हुए पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी हर्षवर्द्धनी सुमन ने बताया कि रेस्क्यू कार्य लगातार जारी है। अलग.अलग स्थानों पर फंसे यात्री सुरक्षित हैं। कल की भांति आज भी लिंचोली, भीमबली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड व सोनप्रयाग से रेस्क्यू कार्य निरंतर जारी है। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि यदि किसी का अपने परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है तो रुद्रप्रयाग पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 7579257572 व 01364.233387 पर उनका विवरण नोट कराएं। फिलहाल विभिन्न पड़ावों में रुके सभी यात्री सुरक्षित हैं तथा इन स्थानों पर प्रशासन के स्तर से भोजन पानी एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। सुबह से जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग व पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग केदारघाटी में मौजूद रहकर रेस्क्यू कार्य का नेतृत्व कर रहे हैं। एसडीआरएफ की टीमों को सोनप्रयाग.गौरीकुंड मार्ग में यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए निर्देशित किया गया। ड्रोन की सहायता से एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने टीमों को नई कार्य योजना से अवगत कराया, जिससे रेस्क्यू अभियान को और अधिक प्रभावी तरीके से चलाया जा सके। मणिकांत मिश्रा ने अगस्त्य मुनि और रतूड़ा से मौके पर पहुंची 02 बैकअप टीमों को तुरंत सर्च और रेस्क्यू अभियान तेज करने के आदेश दिए। लिंचोली और केदारनाथ के हेलीपैड पर तैनात 4 एसडीआरएफ टीमों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही मैनुअल रेस्क्यू भी लगातार जारी है। वहीं देर रात तक पैदल मार्ग से सोनप्रयाग पहुंचने वाले यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग बाजार तक पहुंचाया गया। वहीं केदारनाथ यात्रा पड़ाव के गौरीकुंड से पहले मुनकटिया में भूस्खलन हुआ है। सोनप्रयाग में सुबह सुबह उसी स्थान पर भारी भूस्खलन हुआए जहां पर हाईवे पूरी तरह से बह गया है। कुछ देर के लिए रेस्क्यू कार्य रोका गया स्थिति ठीक होने पर रेस्क्यू अभियान जारी है। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर कई जगह भूस्खलन होने से यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ यात्रा फिलहाल रोक दी गई है। भारी बारिश से बने आपदा की हालत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी संज्ञान लिया है और पीएम कार्यालय ने राज्य में मौजूदा स्थिति की भी जानकारी ली है। खुद पीएम भी इन हालातों पर नजर रखे हुए हैं। वहीं उधर सीएम पुष्कर सिंह धामी भी स्थिति पर खुद नजर रखे हुए हैं। बता दें कि बीते दिन भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा रूट पर दो पुल बहने के साथ ही गौरी कुंड में तप्तकुंड वॉश आउट हो गया है। जिसके बाद केदारनाथ धाम की यात्रा रोकी गई है। इसके अलावा, टिहरी, जखन्याली में बादल फटने से होटल मलबे में बह गया। जिसके चलते कई लोगों की मौत हो गई। वहीं प्रदेश में भारी बारिश से तमाम जगहों पर आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।