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नैनीताल के खूपी तोक में भूस्खलन से घरों में आई दरारें, दहशत के बीच मौके पर पहुंचे एसडीएम

नैनीताल के खूपी तोक में भूस्खलन से घरों में आई दरारें, दहशत के बीच मौके पर पहुंचे एसडीएम
सीएन, नैनीताल।
मंडल मुख्यालय नैनीताल के भूमियाधार ग्राम के तोक खूपी में पाइंस नाले के कटाव से लगातार भूस्खलन हो रहा है। भूस्खलन से घरों में दरारें आ गई हैं। भूस्खलन के खतरे से ग्रामीणों में भारी दहशत व्याप्त है। भूधंसाव के कारण हाईवे भी प्रभावित हो चुका है। हालात का जायजा लेने के लिए एसडीएम नैनीताल ने क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण भी किया। नैनीताल शहर के बेहद करीब बसे भूमियाधार गांव खूपी तोक में हर वर्ष बरसातों में भूस्खलन से मकानों में दरारें आ जाती हैं। भूस्खलन से इसके आसपास की पहाड़ियां भी कमजोर हो गई हैं। खूपी के नीचे बहने वाले पाइंस नाला उफान पर आने के बाद लगातार भूकटाव कर रहा है। जिस कारण खूपी तोक ही नही भूमियाधार के हनुमान मंदिर के निचले इलाकों के अलावा कुरियागांव में भी भूधंसाव हो रहा है। जिससे मकानों में दरारें आ चुकी हैं। इसका सर्वाधिक प्रभाव खूपी तोक में देखने को मिल रहा है। खूपी तोक पिछले कुछ दशकों से प्रभावित है। भू.कटाव से कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। इससे गांव के अस्तित्व को भी खतरा हो गया है। बरसात होते ही गांव वाले रात को जाग जाग कर गुजार रहे हैं। यहां से कई परिवार भी पलायन कर चुके है। एसडीएम नैनीताल प्रमोद कुमार ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि गांव की तलहटी में हो रहे कटाव के चलते कुछ घरों में दरारें आयी हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर, इन मकानों को खाली करने को कहा है। उन्होंने मौके पर मौजूद सिचाईं विभाग के अधिकारियों को इसकी रोकथाम के लिए डीपीआर बनाने के निर्देश दिए ताकि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में काम शुरू किया जा सके। मालूम हो कि बीते 20 वर्षों से खूपी तोक भूधंसाव से प्रभावित है। शासन प्रशासन की ओर से लगातार भूसखलन की रोकथाम व विस्थापन का झुनझुना ग्रामीणों को पकड़ा दिया जाता है, लेकिन नतीजा सिफर ही रहता है। मालूम हो कि इससे पूर्व शासन की ओर से कुछ वर्ष पूर्व पाहंस नाले के उपचार को छह करोड़ की धनराशि स्वीकृत हुई थी लेकिन प्रशासन की काहिली के चलते यह राशि वापस हो गई। एसडीएम के मौके मुआयने के दौीरान सामाजिक कार्यकर्ता पंकज बिष्ट ने बताया कि पाइंस नाले के कारण खूपी तोक ही नही भूमियाधार के हनुमान मंदिर के निचले इलाकों के अलावा कुरियागांव में भी भूधंसाव हो रहा है। खूपी तोक से कई परिवार पलायन कर चुके है। यह समस्या लगातार विकराल होती जा रही है। लिहाजा सरकार भूस्खलन को रोकने के साथ ही प्रभावित परिवारों के विस्थापन की भी व्यवस्था करे।

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