आपदा
उत्तराखंड में हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, आज भी बारिश का अलर्ट
सीएन, नैनीताल/देहरादून। बीते दिनों से उत्तराखंड में हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बीते दिन नैनीताल में हुई मूसलाधार बारिश ने प्रशासन व पालिका के कार्यो की पोल खोल दी। नाले व नालियां चोक होने के कारण पूरे शहर में जलभराव हो गया। पानी कई दुकानों में घुस गया। पूरे शहर में अफरा तफरी मची रही। आज भी मौसम विभाग ने प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान विभाग के हाइड्रोमेट डिवीजन ने बाढ़ के खतरे का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके बाद राज्य आपातकालीन केंद्र ने जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि बुधवार को राज्य में 24 घंटे में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी में भारी बरसात के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने और बाढ़ के खतरे की संभावना व्यक्त की गई है। ऐसे में प्रत्येक स्तर पर तत्परता एवं सुरक्षा बनाए रखते हुए आवागमन में नियंत्रण बरतने समेत अन्य सावधानियां बरती जाएं। उधर गढ़वाल के निजमुला घाटी के गाड़ी गांव में रात को हुई भारी बारिश से जनजीवन अस्त.व्यस्त हो गया है। गांव का पैदल रास्ता ध्वस्त हो गया है। बिजली और पानी की सप्लाई भी ठप पड़ गई है। बिरही.निजमुला सड़क भी काली चट्टान व तौली तोक के पास अवरुद्ध हो गया है। जिला प्रशासन की पहल पर सड़क को खोलने का काम भी शुरू हो गया है। कुमाउ के कई स्थानों में भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। निजमुला घाटी में बीती रात तेज बारिश हुई। गाड़ी गांव में इससे सबसे अधिक नुकसान हुआ है। गांव का मुख्य पैदल मार्ग ध्वस्त हो गया है। इस मार्ग के ठीक ऊपर से नेत्र सिंह का आवासीय मकान को खतरा उत्पन्न हो गया है। गांव की पेयजल लाइन का मुख्य स्रोत भी क्षतिग्रस्त हो गया है। तोली, नाली और नेवा तोक को जाने वाली पेयजल लाइन भी ध्वस्त हो गई है। जिससे ग्रामीणों के सम्मुख पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। तोली तोक के पास पेड़ गिरने से क्षेत्र में सप्लाई हो रही 33 केवी की विद्युत लाइन भी टूट गई है। जिससे निजमुला घाटी के 13 से अधिक गांवों में बिजली गुल हो गई है। चमोली जिले में मंगलवार रात्रि को सेरा गांव में अतिवृष्टि नुकसान हुआ है। घटना में दो गौशाला को नुकसान होने के साथ ही कुछ घरों में मलबा घुसा गया है। प्रदेश में बारिश के बाद मलबा आने से 74 सड़कें बंद हो गई हैं। वहीं पहले से बंद ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी औजरी के पास नहीं खुल पाया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक रुद्रप्रयाग में पांच, उत्तरकाशी में एक एनएन और आठ ग्रामीण सड़के बंद हैं। इसके अलावा नैनीताल में एक, चमोली में एक राज्य मार्ग और 20 सड़के, पिथौरागढ़ में 9, अल्मोड़ा में तीन, बागेश्वर में आठ, चंपावत में एक, पौड़ी में छह, देहरादून में चार और टिहरी जिले में आठ ग्रामीण सड़के बंद हैं। जिसमें बुधवार को कई सड़कों में यातायात सुचारू कर दिया गया है।
