Connect with us

आपदा

उत्तराखंड के मित्रों के नाम सिलक्यारी सुरंग को लेकर कुमाऊंनी में चिठ्ठी……..

उत्तराखंड के मित्रों के नाम सिलक्यारी सुरंग को लेकर कुमाऊंनी में चिठ्ठी……..
सीएन, अल्मोड़ा।
आमा-बुबू, ठुल ईजा-ठुल बौज्यू,कका-काकी,ममा-मामी और सबै ठुलां कैं म्येरि पैला और नना कैं प्यार आशीष। उत्तराखंड में आज भोउ सिलक्यारी,उत्तरकाशी में सुरंग में फसी मजदूरों कै क्वीड़ है रयीं। भगवानल सब लोगूं प्रार्थना सुणि लै। मजदूर विचार एक गास खाण रयीं। य खुशी बात छू। हमार गौंक सभापति ज्यू कूनी कि पहाड़ पन बखत-बेबखत आपदा-विपदा ऐ जाणै। क्वे बार जादे द्यो है जाणौ। तो क्वे साल सुख पड़ि जाणौ। पछिल महिणौ में जोशीमठ में कसि कउ-बिकौउ लोगूल भुगती। विकासा नाम पर पहाड़ पन ठुल बांध बनाण, गाड़ गध्यरा पन कारतूस ठोकि बे सब धरती कैं हिलन करि दिणीं। विकास लै आपुण जाग में जरूरी छू। पर सोचि-समझि बे विकासा लिजी सोचणै लै जरूरी छू। विनाशा लिजी जो लोग जिम्मेदार छन। उनू पर लै कार्यवाही हुण चैं। गरीब दुबाउ लोगों लिजी नियम छन। ठुल डबल वालूं मनमानी चलण रै। उत्तराखंड में दीवाई बाद बुड़ दिवाई लै हैगे। हमार गौंक सभापति ज्यू कूनी कि पहाड़ में उसी तो साल भर दुकानों में लोग दीवाई खेलनि। दीवाई में जू खेलणियां कैं घर बटी छूट मिलि जैं। बुड़ दिवाई दिन समझो सेमी फाइनल और फाइनल सब हैजां। उत्तराखंड सरकारल बुड़ दीवाई यानी इगासा दिन छुट्टी करि रै। गढ़वाल और जौनसार भाबर में इगासा दिन दीवाई जसै त्यार मनाई जां। हमार पहाड़ पन लै नानि दीवाई, ठुल दिवाई और बुड़ दिवाई कैं अलग-अलग ढंगल लोग मनानी। आब-आबै कुछ सालों बटी पहाड़ में रूणी बिहारी और पूर्वी उत्तर प्रदेशा लोग छट पूजा करण रयीं। भलि बात छू। पर पहाड़ा लोग वट सावित्रि पुज, घ्यू संक्रांत जसै त्यार भुलनै जाणीं। ब्या काजा लगन पहाड़ पन चलि रयीं। कन्यादान करणी परिवारा लोग च्येली ब्या दिन व्रत धरि बरि विधि विधानल कन्या दान करनी। गड़ुवै धार दी बे ब्या काजा फोटो यादगार बतौर धरनै छन। हमार गौंक सभापति ज्यू कूनी कि पैली बटी ब्या में जतू खर्च हूंछी। आज भोउ वै है जादे डबल फोटो खेंचण एलबम बनाण और वीडियो बनाण में लागि जाणीं। सभापति ज्यू कूणी कि आब पंडि ज्यू मंतर और गोत्राचार क्वे नि सुणन। आब तो पंडि ज्यू मंतर है जादे फोटोग्राफरैकि जादे चलण रै। पैली बटी जब तक पंडि ज्यू घर नि पुजछी। तब तक ब्या काजा बात नि हुंछी। आज भोवा ब्या में पंडि ज्यू लै फोटोग्राफरै कै इंतजार करनी। ब्या में आपुण फोटो लिजी पंडि ज्यू लै घर बटी सजि-धजि बे उण रयीं। पहाड़ा ब्या में आब पहाड़ा रीति रिवाज कम हुनै जाणीं। हमार गौंक सभापति ज्यू कूणी कि देस-परदेस में लै उत्तराखंडी ब्या बर्यातै आपुण अलग पिछाण तो हुणै चेैं। उत्तराखंड में कंट्रोला दुकानों में फ्री राशन मिलणै रौ। सब मोदी ज्यू धन-धन करण रयीं। सुणाई में ऐरै कि मोदी ज्यूल जनता कैं फ्री राशन अघिल कुछ साल तक बढ़ै हालौ। सेठ लोग परेशान है रयीं। हमार गौंक सभापति ज्यू कूणी कि हमार विधायक, सांसद और ठुल सैप लोगों कैं बिजुलि, पाणि सब मुफ्त मिलूं। पांच सौ रूपै महैण में अनलिमिटेड कॉल, वीडियो कॉल और इंटरनेट प्लान लोगों कैं मिलूं। पर सांसद विधायकों कैं एक महैण में आजि लै दस-पंदर हजार रूपै फोन करणा लिजी मिलनी। रेल और जिहाज में मुफ्त यात्रा करणै छूट छू। य पर क्वे बात नि करन। पर गरीबों कैं महैण में द्वि किलो चावल कंट्रोल बटी मुफ्त मिलौं तो सब गरीबा बार में नौक भल बात करण रयीं। सरकारल गरीब अमीर सब लोगों लिजी गौं-गौं में घुटुक-घाटुक लगाणै सुविधा करण रै। जाग जगां लोगों लिजी बार खोलि हाली। य क्वे नि देखण रौय।पहाड़ पन रतै ब्याल ठंड बड़ि गो। नीमू सानि बे खाणा दिन ऐ गयीं। दिन में घाम तापण और फसक फराव लगाणा दिन ऐ गयीं। लाटि-कालि भाष कैं ल्याक लगाया। चिट्ठी ठुलि है गे कै नराज झन हया। आपुण तरफ बटी कमै लेखूल कै सोचनू। मनसुप जसै लागि जानी। कै बखतै बाटुई लागीं तो आपुं कैं याद करनू। बाटुई थामी गई तो सोचनू आपुं याद करण रछा। उ बखत पुराण दिनां याद ऐ जैं। नान छना गोरू ग्वाउ पन कसि कौउ-बिकौउ करि दिछी हम लोग। पहाड़ पन आब भनेर भुरभुराण कमै हैगो। जादेत्तर घरौं में गैसा चुल चलि गयीं। कुमाउनी गढ़वाली कै बचाणा लिजी आज भोउ जाग जगां बैठक चलि रयीं। बैठक दगाड़ य जरूरी छू कि हम आपुण घर में आपुण नना दगाड़ कुमाउनी-गढ़वाली में बात करूं। चिट्ठी मिलि गे कै द्वि आंखर जरूर लेखि दीया। आज भोउ सबूं कै मुबाइल में अनलिमिटेड प्लान छू। द्वि आंखर लेखि दिला तो तुमर मुबाइल घोइण जै क्ये रौ। आपुण ज्यानै हिफाजत करीया। तबै पालना होलि। बुड़-बाड़ि कैं मिलणै रौ कै वाल हाथ खपाड़,पाल हाथ खपाड़ नि करण चैन। च्याल ब्वारियां कैं लै बुड़-बाड़ी उज्याड़ि ध्यान दिण चैं। एक गास रूख-सुख बखत पर उनूकै खवै दिया। बांकि फिर लेखूल
तुमर मितुर , उदय किरौला, संपादक बालप्रहरी सचिव बालसाहित्य संस्थान दरबारीनगर अल्मोड़ा उत्तराखंड।

Continue Reading
You may also like...

More in आपदा

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING