नैनीताल
लापरवाही : नैनीताल के डाक विभाग को कोर्ट के आदेश भी कोई मायने नहीं रखते
लापरवाही : नैनीताल के डाक विभाग को कोर्ट के आदेश भी कोई मायने नहीं रखते
सीएन, नैनीताल। नैनीताल के डाक विभाग के सामने कोर्ट के आदेश भी कोई मायने नहीं रखते हैं। ऐसा इसलिए की जब कोर्ट द्वारा एक स्थायी समाधान के तहत आपसी राजीनामा का आदेश पारित किया गया, उसके उपरान्त भी नैनीताल के डाक विभाग ने फिर वही कर दिया, जिसके कारण मुक़दमे की नौबत आयी। दरअसल बीते दिनों श्नीरज साह द्वारा स्थायी लोक अदालत के समक्ष, विपक्षी पोस्ट ऑफिस, नैनीताल द्वारा पीपीएफ खाते की परिपक्वता पूर्ण होने पर धनराशि 11,97,887 रुपये, चैक द्वारा भुगतान करने एवं चैक पर विपक्षी के हस्ताक्षर न होने के कारण बैंक द्वारा भुगतान न किए जाने से क्षुब्ध हो कर, स्थायी लोक अदालत के समक्ष एक प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया था। अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत, नैनीताल सुबीर कुमार एवं सदस्यगण अकरम परवेज और दर्शन सिंह की उपस्थिति में मामले का निस्तारण पक्षकारों द्वारा प्रस्तुत एक सुलहनामा के आधार पर किया गया तथा विपक्षी की ओर से प्रस्तुत समझौतानामा में बताया गया है कि वादी एवं विपक्षी के मध्य आपसी समझौता हो गया है, जिसके अनुसार विपक्षी, वादी को पीपीएफ खाते की परिपक्वता धनराशि-11,97,887 रुपये(ग्यारह लाख सत्तानवे हजार आठ सौ सतासी रुपये मात्र) अदा करेगा। समझौतेनामें पर आवेदक पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं, का सुलहनामा हुआ था और नीरज साह को तल्लीताल पोस्ट ऑफिस द्वारा पुनः एक चेक भुगतान हेतु दिया गया। नीरज साह द्वारा बताया गया है कि भुगतान हेतु दिया गया चेक एक बार पुनः बैंक द्वारा बाउंस कर दिया गया जिससे नीरज साह को आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा है की न्यायलय द्वारा स्टाहइ समाधान के आदेश निर्गत करने के उपरान्त भी डाक विभाग और तल्लीताल पोस्ट ऑफिस का इस तरह का गई जिम्मेदाराना व्यवहार उत्तप्पेदान करने वाला है जिसके खिलाफ वह पोस्ट ऑफिस तल्लीताल और डाक विभाग नैनीताल के विरुद्ध मुकदमा एवं एफआईआर दायर करने जा रहे हैं।
