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स्वास्थ्य

17 मई 2023 आज है विश्व उच्च रक्तचाप दिवस, ऐसे हुई थी डे की स्थापना

17 मई 2023 आज है विश्व उच्च रक्तचाप दिवस, ऐसे हुई थी डे की स्थापना
सीएन, नईदिल्ली।
हाइपरटेंशन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को ‘वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे’ सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन लोगों को हाइपरटेंशन के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। हाइपरटेंशन किसी भी आयु के लोगों को हो सकता हैं। ‘विश्व उच्च रक्तचाप दिवस यानी ‘साइलेंट किलर’ के बारे में विश्वभर में आम लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस अथवा विश्व हाइपरटेंशन दिवस सेलिब्रेट किया जा रहा है। ब्लड प्रेशर (बीपी) की प्रॉब्लम 18 साल के बाद किसी भी उम्र में हो सकती है। ब्लड प्रेशर की वजह से इन दिनों हार्ट अटैक जैसी बीमारी का खतरा काफी बढ़ गया है। इसके लिए बेहद जरूरी है कि आप अपनी सेहत का अच्छे से ध्यान रखें। हाइपरटेंशन-हाई ब्लडप्रेशर या हाईपरटेंशन का खतरा महिलाओं से अधिक पुरुषों में हो रहा है। इसके अलग-अलग वजह भी हो सकती है जैसे-फैमिली हिस्ट्री, तनाव, गलत खानपान और लाइफ स्टाइल आदि। लेकिन इससे बचने के लिए न केवल डाइट और लाइफ स्टाइल पर ध्यान देने की आवश्यकता है बल्कि तनाव को कम करना और शरीर को सक्रिय बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज भी बहुत ही आवश्यक है। आजकल 18 साल से 50 वर्ष के लोग हाइपरटेंशन के अधिक शिकार हैं। हालांकि 60 वर्ष की आयु से पहले पुरुषों में उच्च रक्तचाप का खतरा अधिक रहता है, पर बाद में स्त्री-पुरुष दोनों में ही खतरे की आशंका बराबर हो जाती है। रोजमर्रा की जिंदगी में हमें तमाम तरह की मीठी-कड़वी बातों से 2-4 होना पड़ता है। ऐसे में गुस्‍सा आना स्‍वाभाविक है। लेकिन गुस्‍सा अगर लत का रूप ले लें तो इस पर विचार करना आवश्यक है। बात-बात पर गुस्‍सा करने से हमारी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। देखा गया है कि जो व्‍यक्‍ति गुस्‍सा नहीं करते, वो कम बीमार होते हैं। गुस्‍सा भी भावना का एक प्रकार है। लेकिन जब यह भावना व्‍यवहार और आदत में परिवर्तित हो रही है, तो आप के साथ-साथ दूसरों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ जाता है। जिसके साथ साथ यह है कि अपने गुस्‍से की सही वजह को पहचाना जाए और उन पर नियंत्रण रखना जरुरी है। अमूमन हमारे मन में प्रश्न होते हैं कि हम इससे किस तरह छुटकारा पाएं। लेकिन इससे पहले यह बात जानना आवश्यक है कि गुस्‍से से छुटकारा क्‍यों पाएं। जिस व्‍यक्‍ति को गुस्‍सा अधिक आता है, उनमें ब्‍लडप्रेशर, हाइपरटेंशन, गंभीर रूप से पीठ में दर्द की शिकायत देखने के लिए मिलती है। इसके साथ ही ऐसे लोगों को पेट की शिकायत भी हो सकती है।
कहीं आप भी तो इसके शिकार नहीं? ऐसे करें पता
हाइपरटेंशन जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप इसके लक्षण को समझे।
सबसे पहला लक्षण मरीज को अचानक से सांस लेने में तकलीफ होने लगेगी।
हाइपरटेंशन की शुरुआत में इंसान के सिर के पीछे दर्द होने लगता है। हाई बीपी का शिकार होने से व्यक्ति को धुंधला दिखने लगता है। हाइपरटेंशन की शुरुआत में इंसान के टॉयलेट से खून भी निकलता है।
खराब लाइफस्टाइल है इसका सबसे बड़ा कारण
दरअसल आलस्य भरी जीवनशैली और गड़बड़ रूटीन कई तरह की बीमारियों का कारण बनता है। आजकल लोग निजी जीवन में उलझ गए हैं और भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद का ख्याल नहीं रख पाते हैं। ऐसे में इसी जद्दोजहद में वे अपने शरीर के रेड फ्लैग्ज को भी नजरअंदाज कर बैठते हैं। इसके अलावा अधिक स्मोकिंग, शराब का सेवन, शारीरिक गतिविधी की कमी, खराब डायट यानी जंक फूड का सेवन और ताजा फल व सब्जियां न खाना, यह सभी चीजें खराब लाइफस्टाइल का हिस्सा हैं। इतना ही नहीं दिनभर मोबाइल का इस्तेमाल और शारीरिक एक्टिविटी की कमी हाइपरटेंशन के बढ़ते मामलों का सबसे बड़ा कारण है।
इन लोगों को करानी चाहिए नियमित जांच
अगर इस बीमारी का इलाज सही समय पर न शुरू किया जाए, तो इसकी वजह से कई तरह की गंभीर बीमारियों के साथ हार्ट अटैक की नौबत आ सकती है। इसके अलावा ऐसा नहीं है कि चेकअप सिर्फ उन्हीं लोगों को करवाना चाहिए, जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हों या जिनके परिवार में हाइपरटेंशन का इतिहास रहा हो। इसके लिए 18 साल की उम्र के बाद सभी को कम से कम दो साल में एक बार अपना ब्लड प्रेशर जरूर चेक करना चाहिए। वहीं ​​हाई ब्लड प्रेशर होने पर जरूरी नहीं कि लक्षण नजर आएं। इसका पता तभी चलता है जब ब्लड प्रेशर की जांच की जाती है। इसलिए बीपी की जांच कराते रहें ताकि समय पर इलाज शुरू हो सके।
हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के घरेलू उपाय
काली मिर्चः काली मिर्च हल्के हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। ये प्लेटलेट्स के साथ मिलकर खून के थक्के बनने से रोकती है। साथ ही रक्त प्रवाह में मदद कर सकती है।
शहदः शहद को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। शहद रक्त वाहिकाओं पर असर करता है और इसीलिए यह उच्च रक्तचाप को कम करने में मददगार हो सकता है। इसका रोजाना खाली पेट सेवन करने से बल्ड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है।
नींबूः नींबू में विटामिन सी पाया जाता है जिससे उच्च रक्तचाप स्वाभाविक रूप से कम होता है। साथ ही इसे खाने से हार्टफेल का खतरा भी कम किया जा सकता है।
मेथीः मेथी के अर्क में एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मदद करता है। जिसके कारण आपका बीपी बढ़ने का खतरा कम होता है। मेथी का सेवन करने के लिए रात को एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच मेथी भिगो दें। दूसरे दिन सुबह उठते ही इसका सेवन करें। इससे उच्च रक्तचाप को कम किया जा सकता है।
लाल मिर्च पाउडरः लाल मिर्च में कैप्साइसिन नामक तत्व पाया जाता है, जो बल्ड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। कई बार अधिक नमक खाने के कारण भी बीपी बढ़ जाता हैं ऐसे में यह लाल मिर्च पाउडर कारगर साबित हो सकती हैं।

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