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आचार्य चरक ने आंवला को बताया था ताकतवर चीज, ठीक होती हैं डायबिटीज जैसी 20 बीमारियां

आचार्य चरक ने आंवला को बताया था ताकतवर चीज, ठीक होती हैं डायबिटीज जैसी 20 बीमारियां
सीएन, हरिद्वार।
सर्दियों में आंवला एक कई रोगों का एक उपाय है जो बाल, त्वचा, दिल और पाचन के साथ.साथ इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और सर्दियों की परेशानियों को दूर रखें। सर्दियों का मौसम आ गया है और इन दिनों इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए आपको आंवले का सेवन करना चाहिए। आंवला एक ऐसा सुपरफूड है जो सेहत के छोटी से लेकर बड़ी तक कई स्वास्थ्य समस्याओं में मदद करता है। आंवला के कई फायदे हैं। यह थायरॉइड को संतुलित करने में मदद करता है। बाल झड़ने से रोकता है और समय से पहले सफेद होने की प्रक्रिया को धीमा करता है। इसके अलावा यह पाचन शक्ति बढ़ाता है और एसिडिटी पेट फूलना और अन्य गैस्ट्रिक समस्याओं में राहत देता है। आयुर्वेद के डॉक्टरों के अनुसार आचार्य चरक ने आंवले को सबसे बेहतरीन कायाकल्प करने वाली जड़ी-बूटी बताया है। सर्दियों में रोजाना आंवला खाने के क्या.क्या फायदे हैं और इसके ज्यादा लाभ लेने के लिए आपको इसका कैसे इस्तेमाल करना चाहिए। आंवला कोलेस्ट्रॉल कम करता है, ब्लड शुगर को कंट्रोल रखता है, विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत है और इम्यूनिटी बूस्ट करता है, सर्दियों में बीमारियों से बचाव करता है। त्वचा और बालों के लिए अद्भुत काम करता है। आंवला खून साफ करता है, जिससे त्वचा की समस्याएं जैसे मुंहासे, रूखापन, लालिमा और दाने दूर रहते हैं। त्वचा को ग्लोइंग और बालों को मजबूत बनाता है। आंखों की रोशनी बढ़ाता है। आंवला वजन को कंट्रोल रखता है और बढ़ने से रोकता है। वैज्ञानिक अनुसंधानों से सिद्ध हुआ है कि इसमें एंटी-एजिंग, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-डायबेटिक, सूजन कम करने वाला, लिवर की रक्षा करने वाला और कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले गुण होते हैं।
आंवले का सेवन कैसे करें
एक गिलास पानी लें। इसमें एक चुटकी हल्दी और आधा चम्मच नमक मिलाएं। आंवले को हल्के कट लगाकर इस पानी में 3-4 दिनों तक भिगोकर रखें। रोज़ एक फर्मेंटेड आंवला खाएं। आंवले की एक डाली पर पत्ते एवं प्रथमेश ईपेपर यह करीब 20 फीट से 25 फुट तक लंबा झारीय पौधा होता है। यह एशिया के अलावा यूरोप और अफ्रीका में भी पाया जाता है। हिमालयी क्षेत्र और प्रद्वीपीय भारत में आंवला के पौधे बहुतायत मिलते हैं। इसके फूल घंटे की तरह होते हैं। इसके फल सामान्य रूप से छोटे होते हैं, लेकिन प्रसंस्कृत पौधे में थोड़े बड़े फल लगते हैं। इसके फल हरे, चिकने और गुदेदार होते हैं। स्वाद में इनके फल कसाय होते हैं। ज्यादातर खट्टापन कटारे में पाया जाता है
यूपी वाराणसी का आंवला सब से अच्छा
भारत वर्ष में यूपी वाराणसी का आंवला सब से अच्छा माना जाता है इसकी मांग विदेशों तक है। आंवले को संस्कृत में इसे अमृता, अमृतफल, आमलकी, पंचरसा इत्यादि, अंग्रेजी में एंब्लिक माइरोबलान या इंडियन गूजबेरी तथा लैटिन में फिलांथस एंब्लिका कहते हैं। यह वृक्ष समस्त भारत में जंगलों तथा बाग-बगीचों में होता है। इसकी ऊंचाई 20 से 25 फुट तक, छाल राख के रंग की, पत्ते इमली के पत्तों जैसे, किंतु कुछ बड़े तथा फूल पीले रंग के छोटे-छोटे होते हैं। फूलों के स्थान पर गोल, चमकते हुए, पकने पर लाल रंग के फल लगते हैं जो आंवला नाम से ही जाने जाते हैं। वाराणसी का आंवला सब से अच्छा माना जाता है। यह वृक्ष कार्तिक में फलता है।

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