स्वास्थ्य
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज : सरकार की अनदेखी ने स्वास्थ्य सेवाओं को किया पटरी से बाहर
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज : सरकार की अनदेखी ने स्वास्थ्य सेवाओं को किया पटरी से बाहर
सीएन, अल्मोड़ा। सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, जो पहाड़ी क्षेत्रों में उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था, आज दुर्दशा का शिकार है। सरकार की घोषणाओं और जमीनी हकीकत में गहरा अंतर साफ दिखाई देता है। जहां नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की बातें हो रही हैं, वहीं पहले से स्थापित संस्थानों की अनदेखी जनता के साथ अन्याय है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की अनुपस्थिति से मरीजों को हल्द्वानी या अन्य दूरस्थ स्थानों पर रेफर किया जा रहा है। न्यूरोसर्जन, हृदय रोग विशेषज्ञ और रेडियोलॉजिस्ट की स्थायी नियुक्ति अब तक नहीं हुई है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी पिछले तीन महीने से यह सेवा बंद है, जिससे मरीज परेशान हैं। कोविड के समय लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट में बूस्टर उपकरण की कमी के चलते ऑक्सीजन सिलेंडरों की रिफिलिंग बाहरी स्थानों पर हो रही है। मानसिक रोगियों के लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर का अभाव उनकी समस्याओं को और गंभीर बना रहा है। मेडिकल छात्रों की पढ़ाई और प्रशिक्षण सुविधाओं की कमी से बाधित हो रही है, जिससे उनके भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ’सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने मेडिकल कॉलेज की समस्याओं पर आवाज उठाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के जरिए शिकायत दर्ज कराई और स्वास्थ्य सचिव, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और जिलाधिकारी से ठोस कार्रवाई की मांग की है। संजय पाण्डे का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपेक्षा जनता के साथ अन्याय है। सरकार को नए संस्थान खोलने से पहले मौजूदा संस्थानों की हालत सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। मरीजों को स्थानीय इलाज मिले इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति हो। रेफरल और भर्ती में हो रही समस्याओं को दूर करने के लिए नोडल अधिकारी का प्रावधान किया जाए। संजय पाण्डे ने जनता से अपील की है कि वे एकजुट होकर इन मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करें। उन्होंने कहा यह समय है कि हम सब मिलकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं ताकि पहाड़ी क्षेत्रों के लोग अपने ही जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकें। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज की स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाना न केवल मरीजों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए बेहद जरूरी है।